धनबाद: किसी बच्चे का भविष्य अगर किसी शिक्षक के कारण खराब होता है तो यह क्राइम है. उत्तरपुस्तिका के अवलोकन में दिये गये उत्तर का सही आकलन व जांच करें, ताकि बच्चे को कोई नुकसान न हो. ये बातें जैक उपाध्यक्ष डॉ अब्दुल सुभान ने कही.
वह शुक्रवार को एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देखने आया है कि किसी बच्चे को 77 अंक आये, लेकिन उसे 60 अंक दे दिया गया. फुल मार्क्स 20 है तो परीक्षक 25 अंक भी दे देते हैं. यह कैसे हो सकता है. साफ है गंभीरता का अभाव है. इस छोटी सी गलती का छात्र के जीवन पर असर पड़ता है.
आइआइटी में पास, इंटर में फेल
डीइओ धर्म देव राय ने कहा कि पिछले वर्ष कुछ बच्चे आइआइटी व मेडिकल निकाल लिये थे, लेकिन इंटर में फेल कर गये, ऐसा न हो. उत्तरपुस्तिका में अंक एक डिजिट में न लिख कर दो डिजिट में लिखें. जैसे 8 लिखना हो तो 08 लिखें. उत्तरपुस्तिका के मूल पृष्ठ पर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही शब्द में अंक लिखें. केवल शून्य भी न लिखें, शून्य के अंदर क्रॉस कर दें. शिक्षक किशोर सिंह ने कहा कि ब्लैक लिस्टेड शिक्षकों के नाम बार-बार अखबारों में न आये, इससे शिक्षकों को बहुत परेशानी होती है. कार्यशाला को हरेंद्र गुप्ता व दिनेश सिंह आदि ने भी संबोधित किया. इस दौरान मंच पर प्रो नजमा कलीम व प्रो मीना श्रीवास्तव भी मौजूद थीं.
1,204 केंद्रों पर होगी परीक्षा
डीइओ श्री राय ने कहा कि शिक्षकों पर बच्चों का भविष्य निर्भर है. आप ही उनके जीवन निर्माता हैं. मैट्रिक-इंटर परीक्षा का मूल्यांकन पर विशेष ध्यान देना है. दोनों परीक्षाएं 21 फरवरी से शुरू होनी है. विगत वर्षो से परीक्षार्थी बढ़े हैं. परीक्षा कदाचार मुक्त हो एवं किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो. 15 मिनट अतिरिक्त समय बच्चों की मानसिक परेशानी दूर करने के लिए प्रश्नपत्र पढ़ने को दिये जाते हैं. डीइओ का रोल भी यहां अहम है. मैट्रिक में चार लाख 80 हजार परीक्षार्थी व 800 परीक्षा केंद्र एवं इंटर में दो लाख 99 हजार परीक्षार्थी व 404 परीक्षा केंद्र होंगे. जैक का काम केवल परीक्षा का, जबकि परीक्षा से मूल्यांकन तक आप शिक्षकों का काम है. प्रयास होता है कि एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार ही परीक्षाएं हो. दो वर्ष से जैक पूरे हिंदुस्तान में सबसे पहले रिजल्ट घोषित कर रहा है.