बिना मेडिकल बोर्ड के केस करना सुप्रीम कोर्ट का उल्लंघन : डॉ सिंह
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डॉक्टरों पर एफआइआर से भड़का आइएमए
बिना मेडिकल बोर्ड के केस करना सुप्रीम कोर्ट का उल्लंघन : डॉ सिंह धनबाद : केंदुआडीह शहरी स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत मामले में तीन डॉक्टरों पर एफआरआइ होने की आइएमए व झासा ने कड़ी निंदा की है. इस बाबत आपात बैठक गुरुवार की रात आठ बजे रेड क्राॅस भवन में हुई. अध्यक्षता प्रदेश […]
धनबाद : केंदुआडीह शहरी स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत मामले में तीन डॉक्टरों पर एफआरआइ होने की आइएमए व झासा ने कड़ी निंदा की है. इस बाबत आपात बैठक गुरुवार की रात आठ बजे रेड क्राॅस भवन में हुई. अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने की. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि बिना मेडिकल बोर्ड गठित किये डॉक्टरों पर एफआरआइ नहीं की जा सकती है. सिर्फ क्रिमिनल नेग्लिजेंसी होने पर ही पर ही एफआरआइ की जा सकती है.
मेडिकल नेग्लिजेंसी में उपभोक्ता फोरम होता है. लेकिन कोर्ट की अवमानना की गयी है. डाॅ सुशील कुमार संविदा पर अंशकालिक है. वह बच्चे के डॉक्टर भी नहीं हैं. तभी सुबह में उन्होंने फोन रिसिव किया, नवजात को तत्काल पीएमसीएच ले जाने की बात कही थी. वहीं डॉ राजकुमार बेहोशी के डॉक्टर हैं,
वह भी बच्चे के डॉक्टर नहीं. डॉ आलोक विश्वकर्मा केंदुआडीह के एमओ नहीं हैं. वह यहां के अतिरिक्त प्रभार में हैं. डॉ सिंह ने कहा कि डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई, तो पूरे झारखंड में चिकित्सा सेवा ठप कर दी जायेगी. मौके पर डॉ लीना सिंह, डॉ विकास हाजरा, डाॅ मेजर चंदन, डॉ समीर कुमार, डॉ निर्मल ड्रोलिया, डॉ अजय पटवारी, डॉ जीतेश रंजन, डॉ आलोक विश्वकर्मा, डॉ राजकुमार आदि सदस्य मौजूद थे.
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