धनबाद/नयी दिल्ली: दिल्ली की सीबीआइ टीम ने बुधवार को धनबाद समेत देश भर की नौ जगहों पर बीएलए इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, केस्ट्रॉन टेक्नोलॉजिज, केस्ट्रॉन माइनिंग के कागजात की जांच की. ये कंपनियां दिवंगत भाजपा नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य परमेश्वर अग्रवाल के बेटे अनूप कुमार अग्रवाला की हैं. अनूप भाजपा की प्रदेश व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आमंत्रितक सदस्य भी हैं. इधर, सीबीआइ ने 1993 से 2005 के दौरान कोल ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में बुधवार को दो नये मामले दर्ज किये. जांच एजेंसी ने बीएलए इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, केस्ट्रॉन टेक्नोलॉजिज, केस्ट्रॉन माइनिंग, बीएलए के प्रबंध निदेशक, कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. आरोप है कि अपात्र कंपनियों को कोयला खानों का आवंटन किया गया था. अनूप अग्रवाल बीएलए के मैनेजिंग डायरेक्टर और केस्ट्रॉन के डायरेक्टर हैं.
पांच घंटे तक जांच
सीबीआइ टीम पूर्वाह्न् 11 बजे केस्ट्रॉन के धनबाद के धैया स्थित ऑफिस-सह-अनूप अग्रवाला के आवास में पहुंचे. सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि केस्ट्रॉन के ऑफिस से टीम ने कुछ महत्वपूर्ण कागजात जब्त किये हैं. टीम लगभग पांच घंटे जांच-पड़ताल में जुटी रही. वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मियों से पूछताछ की गयी . जानकारों की मानें तो सीबीआइ टीम को केस्ट्रॉन के कार्यालय से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं. उसकी सत्यता की जांच की जा रही है. सीबीआइ की तीन और टीमों ने नरसिंहपुर, मुंबई व कोलकाता में भी जांच की. सूत्रों के अनुसार, कोलकाता में केस्ट्रॉन के रजिस्टर्ड कार्यालय और मुंबई व नरसिंहपुर में बीएलए के कार्यालय में छानबीन की गयी. आरोप है कि बीएलए को कैप्टिव माइनिंग (निजी इस्तेमाल के लिए खनन) के सिद्धांतों के खिलाफ कथित तौर पर खुले बाजार में कोयला बेचने की अनुमति दी गयी.
कोलकाता व मुंबई बेस्ड हैं के स्ट्रॉन व बीएलए
केस्ट्रॉन टेक्नोलाजिज धनबाद बेस्ड कंपनी है, जिसका धैया में कार्यालय है. वहीं केस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड कोलकाता कोलकाता की रजिस्टर्ड कंपनी है. यह रेलवे व स्टील प्लांट को आयरन व स्टील फाउंड्री की सप्लाइ करती है. केस्ट्रॉन टेक्नोलॉजिज को एक सितंबर 1999 को गिरिडीह जिले के ब्रrाडीहा में ओपेन कास्ट माइंस अलॉट की गयी थी. वहीं पांच दशक से कोल माइनिंग के क्षेत्र में काम कर रही बीएलए को छह जून 1996 को नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) स्थित गोटीटोरिया (इस्ट) व गोटीटोरिया (वेस्ट) कोल माइंस मिली थी. एनडीए के शासनकाल में दिलीप रे व कड़िया मुंडा के कोयला मंत्री रहते इन कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था. इस संबंध में जब अग्रवाल तथा संबद्ध कंपनियों से ई-मेल या फोन के जरिये संपर्क किया तो कोई जवाब नहीं मिला. अग्रवाल के एक सहयोगी ने उनके मोबाइल फोन पर बात की और अपना नाम एसके शुक्ल बताते हुए कहा कि भाजपा नेता इस मामले में किसी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हैं. इस बीच भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने नये मामले दर्ज किये जाने पर कहा कि सवाल यह है कि पीएम मनमोहन सिंह से एजेंसी पूछताछ क्यों नहीं कर रही है.