धनबाद: बाघमारा के चर्चित हेमलाल बीपी हत्याकांड में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश 12 सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने लाल बंगला निवासी तेरस राम साहू और उसके पुत्र जीतेंद्र राम साहू को भादवि की धारा 302 में दोषी पा कर उम्रकैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना अदा नहीं […]
धनबाद: बाघमारा के चर्चित हेमलाल बीपी हत्याकांड में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश 12 सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने लाल बंगला निवासी तेरस राम साहू और उसके पुत्र जीतेंद्र राम साहू को भादवि की धारा 302 में दोषी पा कर उम्रकैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. अदालत ने आरोपी द्वय को 15 मार्च को दोषी पा कर जेल भेज दिया था.
फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक पावल कोनगाड़ी ने सजा के बिंदु पर बहस की. सूचक के निजी अधिवक्ता अरूण कुमार शर्मा भी भौजूद थे.
क्या है मामला : 25 अप्रैल 13 को लाल बंगला के तेरस राम व जीतेंद्र राम साहू वहीं की सरोजनी बाई के घर गये और बोला कि तुम्हारे घर बाहर के आदमी आ कर गंदा काम करते हैं. मेरा पति बोले कि ऐसी बात नहीं है. इसी बात को लेकर 26 अप्रैल 2013 को दोपहर दो बजे आरोपी द्वय ने घर में घुस कर हेमलाल को लाठी से मार कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी.
घूसखोर क्लर्क को तीन वर्ष की कैद
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश चतुर्थ एमपी यादव ने रिश्वतखोरी के एक मामले में सीएमपीएफ रीजनल कमिश्नर ऑफिस के सहायक लिपिक मो इलियास हुसैन को तीन वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है. बाद में अदालत ने अंशकालीन जमानत दे दी.
फैसले के बिंदु पर सीबीआइ के लोक अभियोजक लवकुश कुमार ने बहस की. सालिक महतो दामोदा कोलियरी में फोरमैन थे. उन्होंने रिटायरमेंट के बाद पीएफ राशि निकासी के लिए कोलियरी प्रबंधक को आवेदन दिया. प्रबंधक ने आवेदन को पीएफ ऑफिस धनबाद अग्रसारित कर दिया. वहां कार्यरत लिपिक मो इलियास हुसैन ने पेपर प्रोसेस करने के एवज में तीन हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी.
रिश्वतखोरी में बैंक प्रबंधक की जमानत खारिज : सीबीआइ के विशेष न्यायधीश एसके पांडेय ने शुक्रवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया झुमरी तिलैया के प्रबंधक उमेश प्रसाद व सुनील पांडेय की जमानत अर्जी खारिज कर दी. सीबीआइ ने दोनों आरोपियों को 11 मार्च को ढाई हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था. फिलहाल दोनों धनबाद मंडल कारा में बंद हैं.
कोर्ट से अभियुक्त के भगाने पर फैसला टला : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 13 महेंद्र प्रसाद की अदालत में जानलेवा हमला कांड में फैसला सुनाया जाना था. अदालत में निरसा निवासी प्रेमजीत सिंह व निरंजन रुज उर्फ खोखन मिस्त्री ने हाजिरी दे दी थी. शाम चार बजे फैसला सुनाने के लिए अभियुक्तों की पुकार की गयी तब पता चला कि निरंजन रुज फरार हो गया है. अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर सुनवाई की अगली तिथि 28 मार्च 16 मुकर्रर की. घटना के बाद गुरमीत सिंह डांग ने निरसा थाना में कांड संख्या 163-05 दर्ज कराया था.
भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष को मिली जमानत : नाजायज मजमा बना कर समाहरणालय में जबरन प्रवेश कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में जेल में बंद भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष रवींद्र कुमार सिन्हा को शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह ने जमानत दे दी.