धनबाद : रेलवे का इंजीनियर बन गये तो गवर्नर नहीं हो गये हैं. अगर पत्र लिखना नहीं आता हो तो आकर मुझसे सीख लें. पता नहीं ऐसे लोगों को डिग्री कैसे मिल जाती है. कुछ एेसी प्रतिक्रिया थी माडा एमडी अनिल पांडेय की जब उन्होंने रेलवे के एक अधिकारी का पत्र पढ़ा. एमडी ने कहा कि जलापूर्ति मद में पैसा मांगे हैं, भीख नहीं मांगी है कि वह हमें पैसा देकर कृपा करेंगे. विभाग को आदेश दिया कि जवाबी पत्र देकर कहो कि पत्र में मर्यादित भाषा का प्रयोग करें. अगर रेलवे से पैसा नहीं मिलता है तो काट दो उनकी कॉलोनी की जलापूर्ति.
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रेल अधिकारी के पत्र पर बिफरे माडा एमडी
धनबाद : रेलवे का इंजीनियर बन गये तो गवर्नर नहीं हो गये हैं. अगर पत्र लिखना नहीं आता हो तो आकर मुझसे सीख लें. पता नहीं ऐसे लोगों को डिग्री कैसे मिल जाती है. कुछ एेसी प्रतिक्रिया थी माडा एमडी अनिल पांडेय की जब उन्होंने रेलवे के एक अधिकारी का पत्र पढ़ा. एमडी ने कहा […]
क्या है मामला : रेलवे के आवासों में जलापूर्ति के मद में बकाया राशि देने के माडा आग्रह भरे पत्र के जवाब में रेलवे के एक इंजीनियर ने एमडी को जो पत्र भेजा, उसमें कहा गया था कि वह राशि से संबंधित विपत्र लेकर उनके कार्यालय में आयें. पत्र पढ़ने पर ऐसा लगता है मानो उक्त इंजीनियर एमडी को आदेश देकर अपने ऑफिस बुला रहे हों.
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