धनबाद: स्टील गेट के पास छह वर्ष पहले पीएमसीएच के डॉक्टरों के लिए बनाये गये भवन में अब मेडिकल कॉलेज के गार्ड रहने लगे हैं. सरकार की मंशा थी कि पीएमसीएच के बगल में डॉक्टरों के आवास बन जाने से मरीजों को और बेहतर सेवा मिलेगी.
यहां डॉक्टर तो नहीं आये, लिहाजा अब यहां गार्ड अपने परिवार के साथ रहने लगे हैं. फिलहाल यहां आधा दर्जन से अधिक गार्ड रह रहे हैं. सभी गार्ड मेडिकल कॉलेज के हैं. पीएमसीएच प्रबंधन का कहना है कि यहां चोरी रोकने के लिए गार्ड बैरक बनाये गये हैं. दो गार्ड को यहां डय़ूटी के लिए तैनात किया गया है, लेकिन बैरक में रहने की जगह आधा दर्जन गार्ड आवास में रहने लगे.
2006-07 में बना था आवास : वर्ष 2006-07 में सरकार ने भवन प्रमंडल विभाग को यहां 24 मकान बनाने का निर्देश दिया था. इसके लिए सरकार की ओर से विभाग को करीब तीन करोड़ रुपया मुहैया कराया गया.
इसके बाद एक वर्ष के अंदर 22 मकान बन कर तैयार हो गये. साथ ही इंटरनल वायरिंग व रोड भी बनाये गये. कार रखने के लिए दो दर्जन गैरेज भी बनाये गये, लेकिन दो मकान पूरा नहीं किया जा सका, क्योंकि दोनों के ऊपर से हाई टेंशन बिजली का तार गुजरा था. काम करने में परेशानी हो रही थी. 22 मकानों को बनाने के बाद भवन प्रमंडल विभाग ने पीएमसीएच प्रशासन को मकान हैंडओवर करने की बात कही, लेकिन 24 की जगह 22 मकान लेने के लिए पीएमसीएच प्रशासन तैयार नहीं हुआ. पीएमसीएच का कहना था कि जब-तक 24 मकान पूर्ण रूप से बन कर नहीं मिलेंगे, तब-तक टेक ओवर नहीं किया जायेगा. इधर, पीएमसीएच प्रबंधन का कहना था कि भवन में पानी-बिजली का कनेक्शन नहीं है. इसलिए इसे पूरा करने के बाद ही लिया जायेगा. मामला यही पर अटक गया.