धनबाद : नि:शक्त जन समाज के अभिन्न अंग हैं. सरकार इनके लिए कई घोषणाएं करती है, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी समाज में बराबरी तो दूर नि:शक्तों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा है. जिले के तमाम बड़े सरकारी अस्पतालों में आज भी निश:क्तों के लिए न अलग से लाइन है, न इलाज की व्यवस्था. पीएमसीएच, सेंट्रल अस्पताल, रेलवे अस्पताल व जिले के कई तमाम स्वास्थ्य केंद्रों में भी अलग से कोई व्यवस्था नहीं है. यहां आने वाले नि:शक्तों को आम मरीजों की तरह लाइन में रहना पड़ता है.
मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए चक्कर
धनबाद में दो जगहों से नि:शक्तों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया जाता है. एक सिविल सर्जन कार्यालय व दूसरा रेल क्रॉस सोसाइटी भवन. सिविल सर्जन कार्यालय की लंबी प्रक्रिया के कारण मरीजों को महीनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं. रेलवे में सर्टिफिकेट के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण नि:शक्तों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है.
आज कई जगहों पर कार्यक्रम
नि:शक्तता दिवस पर जिले में गुरुवार को कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. पीएमसीच के इएनटी विभाग में विशेष जांच शिविर लगाया जायेगा. रेड क्रास भवन में भी कार्यक्रम होंगे. सरायढेला स्थित जीवन रेखा मेडिकल की ओर से नि:शक्तों को व्हील चेयर, बैशाखी, हियरिंग एड आदि कई उपस्कर दिये जायेंगे.