धनबाद : छठ में घर (बिहार) जाने वालों के लिए अब किराये या निजी वाहन ही सहारा रह गये हैं. दो दिन बाद लोक आस्था का महापर्व शुरू हो रहा है. धनबाद से बिहार जाने वाली किसी ट्रेन में कोई जगह नहीं हैं. सभी ट्रेनें फुल हैं. यहां से बिहार जाने वाली बसों में भी सीट खाली नहीं हैं. ऐसे में लोग गाड़ी रिजर्व कर बिहार जा रहे हैं. छठ को लेकर लोगों में काफी उत्साह है.
क्या है हालत : 15 नवंबर से चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू हो रहा है. छठ में कोयला नगरी धनबाद से बड़ी संख्या में लोग व्रत करने या इस पर्व में शामिल होने के लिए बिहार जाते हैं.
यहां से उत्तर बिहार जाने के लिए मौर्य एक्सप्रेस में सबसे ज्यादा मारा-मारी रहती है. मौर्य एक्सप्रेस में जेनरल से ले कर एसी बोगी तक में जगह नहीं मिल रही है. यह हालत अगले दो दिनों तक रहेगी. गंगा-दामोदर में स्लीपर क्लास में भारी प्रतीक्षा सूची है. धनबाद रेल मंडल की ओर से शुक्रवार को गंगा-दामोदर एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास में एक एक्सट्रा कोच लगाया गया.
शनिवार को इस ट्रेन में दो एक्सट्रा कोच लगाने की तैयारी है. रेल अधिकारियों के अनुसार मौर्य एक्सप्रेस चूंकि रांची से खुलती है, इसलिए इस ट्रेन में धनबाद से अतिरिक्त कोच नहीं लगाया जा सकता. धनबाद से सीतामढ़ी के लिए रविवार को छठ स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की गयी है. स्पेशल ट्रेन में भी सभी आरक्षित बोगियां फुल हैं.
निजी वाहनों से निकल रहा परिवार : छठ के लिए बिहार जाने के लिए ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिलने के कारण बहुत सारे परिवार निजी वाहन या किराये पर स्कॉर्पियो, बोलेरो, इनोवा जैसी गाड़ियां ले कर जा रहे हैं. पंचायत चुनाव के कारण पहले ही यहां किराये के वाहनों की मांग बढ़ी हुई है. छठ में बिहार के लिए वाहनों की मांग बढ़ने से किराया में दो से तीन सौ रुपये की बढ़ोतरी हो गयी है. छठ के तुरंत बाद लगन भी शुरू हो रहा है. इसलिए चार-पांच दिनों के लिए एक साथ गाड़ियां भी नहीं मिल रही हैं.