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आइएसएम वर्ल्ड लेवल का इंस्टीट्यूट : एल्सटॉफ– 0 आेपेन सेशन. निरीक्षण को आयी आस्ट्रेलियाई टीम ने की आइएसएम की तारीफक्लीन कोल पर हुए भारत-आस्ट्रेलिया में हुआ है एमओयू वरीय संवाददाता, धनबाद.आइएसएम पहुंच कर रियल इंडिया देखने को मिला. इसमें कहीं संदेह नहीं कि आइएसएम वर्ल्ड लेवल का इंस्टीट्यूट है. यह इंस्टीट्यूट आस्ट्रेलिया -इंडिया के बीच क्लीन कोल पर हुए एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) की सफलता में काफी मददगार होगा. ये बातें आस्ट्रेलिया के डिप्टी हाई कमिश्नर मि. क्रिस एल्सटॉफ ने कही. वह मंगलवार को आइएसएम के निरीक्षण के दौरान संस्थान के गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित ओपेन सेशन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने निरीक्षण के आधार पर संस्थान का लोकेशन, परिसर, लैब, वर्कशॉप की खूब प्रशंसा की. भारत विश्व का सातवां बिगेस्ट कोल मार्केटडिप्टी हाई कमिश्नर मि. एल्सटॉफ ने बताया कि आस्ट्रेलिया विश्व का सबसे बड़ा कोल एक्सपोर्टर कंट्री है, जबकि भारत विश्व का सातवां बिगेस्ट कोल मार्केट. भारत-आस्ट्रेलिया के बीच कोल क्लीन एमओयू से एनर्जी टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट के साथ-साथ दोनों देशों के बीच के आर्थिक संबंध सुधार में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि एमओयू के तहत भारत को आस्ट्रेलिया से मिलने वाली 15 मिलियन डॉलर को कहां-कहां खर्च करना जरूरी होगा, इस पर दोनों देशों के बीच मंथन चल रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्य फोकस सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त कोल उत्पादन है. क्लीन कोल पर हुए एमओयू का नाम आस्ट्रेलिया ने ‘असीमित संभावनाएं’ रखी है. दिया पावर प्रजेंटेशन : जबकि काउंसलर एएचसी न्यू दिल्ली ब्रुश मर्फी ने कहा कि भारत -आस्ट्रेलिया के बीच क्लीन कोल का एमओयू एतिहासिक होगा, जिसकी नींव नवंबर 2014 को अपने आस्ट्रेलिया दौरा के क्रम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी है. खनन के क्षेत्र में बड़ी चुनौतियां को ध्यान में रख कर इसकी जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी. उन्होंने बताया कि इस चुनौती से निबटने के लिए आस्ट्रेलिया लंबे समय से प्रयासरत है. इंडिया ही नहीं अफ्रिकी देशों के साथ भी इसके समाधान के लिए आस्ट्रेलिया प्रयासरत है. उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से भारत-आस्ट्रेलिया के बीच क्लीन कोल समझौता में अब तक की गतिविधियों को पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से सामने रखा. संस्थान की उपलब्धि गिनायी : इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो.डीसी पाणिग्रही ने माइनिंग के क्षेत्र में आइएसएम के एकेडमिक प्रयास का इतिहास सहित मौजूदा स्थिति पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. साथ ही आइएसएम एकेडमिक एचीवमेंट व फैकल्टी क्वालिटी तथा प्लेसमेंट पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि आइएसएम को वर्तमान दौर में न केवल माइनिंग के क्षेत्र में महारत हासिल है, बल्कि अन्य कई ब्रांच में भी राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरी का गौरव प्राप्त है. ओपेन सेशन में पूरा हॉल संस्थान के फैकल्टी-स्टूडेंट्स से खचाखच भरा था.

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