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सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वितीय पीके सिन्हा की अदालत में बुधवार को एक फर्जीवाड़ा मामले की सुनवाई हुई. अदालत में आरोपी बीपी भगत, पूर्व सब डिवीजनल इंजीनियर बीएसएनएल पाकुड़, पवन कुमार सिंह, पूर्व डिवीजनल इंजीनियर (ए एंड पी) टीडीएम ऑफिस दुमका, एस कुंडु व मेसर्स प्रदीप कुमार झाभागलपुर हाजिर थे. अदालत ने दंप्रसं की धारा […]
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वितीय पीके सिन्हा की अदालत में बुधवार को एक फर्जीवाड़ा मामले की सुनवाई हुई. अदालत में आरोपी बीपी भगत, पूर्व सब डिवीजनल इंजीनियर बीएसएनएल पाकुड़, पवन कुमार सिंह, पूर्व डिवीजनल इंजीनियर (ए एंड पी) टीडीएम ऑफिस दुमका, एस कुंडु व मेसर्स प्रदीप कुमार झाभागलपुर हाजिर थे. अदालत ने दंप्रसं की धारा 313 के तहत उनकी सफाई दर्ज की.
क्या है मामला : वर्ष 2005/06 में भारत संचार निगम लिमिटेड ने प्रदीप कुमार झा नामक फॉर्म को पाकुड़ के दस किलो मीटर के क्षेत्र में पोल गाड़ कर उसपर डीपी बॉक्स लगाने का कार्यादेश दिया था, जिसमें पांच लाख 82 हजार 402 रुपये अंकित था.
बीएसएनएल से पाकुड़ व टीडीएम ऑफिस दुमका के इंजीनियरों ने सांठगांठ कर ठेकेदार के नाम पर 22 जून 05 को चार लाख 38 हजार 228 रुपये का बिल बगैर डीपी बॉक्स लगाये ही भुगतान करा दिया. आरोपियों ने फर्जी एक्सेप्टेंस टेस्टिंग सर्टिफिकेट बना कर घटना को अंजाम दिया था.
गुप्त सूचना के आधार पर सीबीआइ की रांची शाखा ने 30 अप्रैल 08 को आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. केस के आइओ इंस्पेक्टर सीबीआइ अशेष कुमार ने अनुसंधान पूरा कर आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया. अभियोजन की ओर से सीबीआइ ने 13 गवाहों का परीक्षण कराया. यह मामला आरसी केस नंबर 2(ए) /08 एएचडीआर से संबंधित है.
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