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इंटरस्टेट ठग गिरोह पकड़ाया

‘चेहरा पहचानो-इनाम पाओ’. झांसा देकर वसूलते थे मोटी रकम और भेजते थे पीतल की अंगूठी सरगना समेत चार गिरफ्तार केंदुआ में छपते थे जाली कागजात धनबाद : पुलिस की स्पेशल टीम ने ‘चेहरा पहचानो, इनाम पाओ’ के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस सिलसिले में बैंक मोड़ थाना क्षेत्र […]

‘चेहरा पहचानो-इनाम पाओ’. झांसा देकर वसूलते थे मोटी रकम और भेजते थे पीतल की अंगूठी
सरगना समेत चार गिरफ्तार केंदुआ में छपते थे जाली कागजात
धनबाद : पुलिस की स्पेशल टीम ने ‘चेहरा पहचानो, इनाम पाओ’ के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस सिलसिले में बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के नया बाजार ब्लू मून होटल में छापामारी कर गिरोह के सरगना पतंजलि शास्त्री (पिता अनिल पांडेय, गांव बलवापर,थाना वारसलीगंज जिला नवादा) और सुरजीत सिंह (पिता लालबहादुर सिंह, पतेहाबाद, बोरहा थाना सराय जिला वैशाली) को गिरफ्तार किया गया है.
गिरोह को जाली वोटर आइडी, डीएल, आधार कार्ड बना कर देने वाले केंदुआ के लक्ष्मी प्रिंटिंग प्रेस के संचालक रवींद्र कुमार व चंदन कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. रवींद्र व चंदन केंदुआ बाजार निवासी नरेश गुप्ता के पुत्र हैं.
बैंक मोड़ थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में की गयी छापामारी में भूली ओपी प्रभारी अमित गुप्ता, सरायढेला थाना के एसआइ दुग्गन टोपनो व सिविल दस्ता के पुलिसकर्मी शामिल थे. डीएसपी (लॉ एंड आर्डर) धीरेंद्र नारायण बंका ने बैंक मोड़ थाना में बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी.
पतांजलि व सुरजीत के पास से पुलिस ने दर्जन भर एटीएम, एसबीआइ, बैंक ऑफ इंडिया, आइसीआइसीआइ, बैंक ऑफ बीकानेर के पासबुक, 10 पीस मोबाइल, मोबाइल सीम, एक लैपटॉप, एक डोंगल, 500 पीस मनीऑर्डर फार्म, वैल्यू पार्सल का लिफाफा, कई जाली वोटर आइडी, डीएल व आधार कार्ड बरामद किये गये हैं. दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने प्रिटिंग प्रेस से चंदन व रवींद्र को पकड़ा. पुलिस पूछताछ में पतंजलि ने खुद को गैंग का सरगना बताया. गैंग में गया कतरीसराय व नवादा वारसलीगंज के दर्जनों युवक शामिल हैं.
गैंग ने लगभग दो वर्षो से धनबाद में सक्रिय रहकर सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है. गिरिडीह निवासी और दुर्गापुर में पदस्थापित सीआरपीएफ जवान त्रिपुरारी सिंह को इसी गिरोह शिकार बनाया था जिसका केस बैंक मोड़ थाना में दर्ज है.
कैसे की जाती थी ठगी
टीवी और पत्र-पत्रिकाओं में ‘चेहरा पहचानो-इनाम पाओ’ देख कर लोग संबंधित मोबाइल नंबर पर कॉल करते हैं. कॉल करने वालों को स्कॉर्पियो बोलेरो, सफारी, सूमो आदि वाहन जीत जाने की बात कही जाती है. टैक्स के रूप में आठ से दस हजार रुपये की मांग की जाती है.
पैसे बैंक खाते में डलवाया जाता है. फिर गाड़ी का बीमा व निबंधन के नाम पर रकम बैंक खाते में डलवायी जाती है. गाड़ी देने में स्टॉक की अनुपलब्धता का बहाना कर तीन-चार माह तक टाला जाता है. इसके बाद फोन करने पर गाली-गलौज कर धमकी दी जाती है.
इनाम जीतने का कॉल कर पार्सल भेजने की बात कही जाती है. पार्सल के माध्यम से गिफ्ट भेजा जाता है. बीपीएल (वैल्यू पार्सल लेटर) से इनाम भेजा जाता है. कैश ऑन डिलेवरी रहती है, जहां पार्सल रिसीव करने से पहले डाकिया को तीन हजार रुपये देने पड़ते हैं. पार्सल खोलने पर कागज व पीतल का रिंग तथा इनाम पाओ की परची मिलती है.
जाली आइडी प्रूफ बनवाने के लिए गिरोह देता था पांच सौ से हजार रुपये
गिरोह का सरगना पतंजलि शास्त्री ने पुलिस को बताया कि करकेंद के लक्ष्मी प्रिटिंग प्रेस में वह जाली कागजात बनवाता था. एक आधार कार्ड, वोटर आइडी बनवाने के 500-1000 रुपये देता था.
एक वर्ष से ज्यादा समय से इसी प्रेस से वह जाली आइडी प्रूफ बनवाता था. जाली आइडी प्रूफ के सहारे वह बैंक में खाते खोलवाता. इनाम जीतने का झांसा देकर लोगों से टैक्स व अन्य मद के लिए राशि संबंधित बैंक में डलवाता था. बरामद बैंक खातों में एक दिल्ली के बैंक का है.
पुलिस को एक रजिस्टर भी मिला है जिसमें सैकड़ों लोगों के मोबाइल नंबर, नाम व पता अंकित है. रजिस्टर में अंकित नाम व पता से ही लोगों को कॉल किया जाता था. गिफ्ट पैक में पीतल की अंगूठी व जाली चेक रहता था. इनाम पाओ की परची रहती थी. परची में अंकित है : यह आपका पता सत्यापन के लिए भेजा गया है. अगली बार इनाम की राशि चेक के माध्यम से भेजी जायेगी.

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