धनबाद: पच्चीस कोयला अधिकारियों को एक बार फिर मायूस होना पड़ा. दुर्गा पूजा के मौके पर पीआरपी का तोहफा मिलने की उम्मीद थी लेकिन बुधवार की बैठक भी बेनतीजा रही. नयी दिल्ली में पीआरपी तय करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में बैठक तो हुई लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा सका. बैठक में कोल सचिव एसके श्रीवास्तव समेत नौ विभागों के सचिव ने हिस्सा लिया. यह जानकारी सीएमओएआइ कोयला भवन शाखा के सचिव भवानी बंद्योपाध्याय ने दी.
नयी तिथि तय होगी : पीआरपी पर फैसले के लिए नयी तिथि दशहरा के बाद तय होगी. कहा जा रहा है कि इस बार पीआरपी पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. बैठक में कई बिंदुओं पर असहमति थी. मसलन घाटे में चलने वाली कंपनियों का मुद्दा उठा. कोयला अधिकारियों का कहना था – जब सभी कंपनियां कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई हैं तो लाभ सभी को मिलना चाहिए. पीआरपी का आधार कंपनी का मुनाफा, लक्ष्य व पर्सनल सीआर है.
फैसला होता तो पूजा की खुशी हो जाती दुगुनी
बीसीसीएल के 2601 अधिकारियों को पीआरपी का लाभ मिलना है. 2011 में तीन साल के पीआरपी के बदले 75 प्रतिशत एडवांस मिला था. लेकिन रिटायरमेंट के बाद एडवांस के रूप में यह रकम काट ली जा रही है. उधर सीएमओएआइ के वरीय सदस्य जेपी ईश्वर ने कहा- बैठक के बेनतीजा होने पर अधिकारी मायूस हैं. नॉन- एग्जिक्यूटिव को बेहतर बोनस मिलने की खुशी है. पीआरपी पर कोई फैसला हो जाता तो कोयला अधिकारियों का उत्साह भी दुगना हो जाता. उम्मीद की जानी चाहिए कि दुर्गा पूजा के बाद इस पर कोई फैसला हो जायेगा.