सत्येंद्र
धनबाद : जुनून और हौसला हो तो इनसान कुछ भी हासिल कर सकता है. अपने जज्बे की बदौलत ही कोलकाता निवासी अतनु पाल आज देश के एकमात्र ऐसे फोटोग्राफर बन गये हैं, जिनकी कई तसवीरें नेशनल ज्योग्राफी के एलबम में छपीं. यही नहीं फ्रेंच नेशनल ज्योग्राफी के वर्ष 2016 के लिए छपने वाले कैलेंडर में अतनु पाल की तसवीर भी शामिल है. राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनेक फोटो प्रतियोगिताएं उन्होंने जीती हैं.
इतनी उपलब्धि के बाद भी वे काफी सरल व्यक्तित्व के स्वामी हैं. धनबाद की चर्चित नृत्यांगना सहाना राय के कोयला नगर स्थित आवास पर हुई बातचीत के दौरान श्री पाल ने यह एहसास ही नहीं होने दिया कि वे इतने कामयाब फोटोग्राफर हैं.
थर्ड आई की स्थापना
नये-नये फोटोग्राफरों को प्रोत्साहित करने के ख्याल से उन्होंने थर्ड आई नामक संस्था का गठन 1989 में किया. कई प्रदर्शनी भी लगायी. उपलब्धियों के बारे पूछने पर कहते हैं कि पहले का तो याद नहीं, इधर 2013 में नेशनल ज्योग्राफी वाशिंगटन डीसी ने लाइफ इन कलर नामक एलबम, नेशनल ज्योग्राफी के इंडियन ट्रेवलर नामक एलबम में उनकी फोटो छपी. 2014 में डाउन टू डार्क नामक एलबम में भारत से वे ही एक मात्र फोटोग्राफर हैं, जिनकी तीन तसवीर छपी. वे कहते हैं कि भारत में टैलेंट की कमी नहीं है. जरूरत है लक्ष्य निर्धारित करने की.
अवार्ड : उन्होंने कनाडा के क्यूविक विश्वविद्यालय फोटो प्रतियोगिता में प्रथम, इब्सन विश्व फोटो प्रतियोगिता में प्रथम, पॉपुलर फोटोग्राफी अवार्ड यूएसए में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. देश में आयोजित लगभग सभी प्रतियोगिताओं में वे विजता रहे हैं. कई गोल्ड मेडल भी जीते हैं.
भूख हड़ताल के बाद पहला कैमरा
इधर-उधर की बातों के बाद श्री पाल अपने बारे बताना शुरू करते हैं. 18 जून 1962 को कोलकाता के एक अभिजात परिवार में जन्म हुआ है. मेरे परिजनों के नाम पर कोलकाता में बीके पाल रोड और एवेन्यू है. प्राथमिक शिक्षा के दौरान उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी. बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक था. आर्थिक तंगी के कारण कैमरा नहीं खरीद पा रहे थे.
अपनी मांग पूरी करवाने की लिए घर में भूख हड़ताल कर दी. आखिरकार सात दिनों के बाद मां ने जेवर बेच कर कैमरा खरीद दिया. 10वीं कक्षा में आते ही प्रेस फोटोग्राफर बन गया. कोलकाता के लगभग सभी नामी-गिरामी अखबारों के लिए काम किया. इस दौरान पढ़ाई भी करते रहे. 1983 में बी कॉम पास कर पूरी तरह से फोटोग्राफी के काम में ही रम गये.