तत्कालीन एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) बीपीएल दास एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय ने मामले की गहराई से जांच की. जांच टीम ने कॉलेज के प्राचार्य से चार बिंदुओं पर लिखित जवाब मांगा. शासी निकाय की बैठक में कितने शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मियों की बहाली का निर्णय लिया गया था? नियुक्ति के समय सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण नियमों का अनुपालन हुआ या नहीं? जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई उनकी शैक्षणिक योग्यता एवं प्राप्तांक का प्रतिशत क्या है? तथा नियुक्ति बोर्ड में यूनिवर्सिटी की ओर से कौन-कौन पदाधिकारी मनोनीत थे? जवाब में प्राचार्य ने बताया कि बहाली कॉलेज शासी निकाय के तत्कालीन सचिव के निर्देश पर हुई थी. सारी बहाली अस्थायी रूप से हुई है.
Advertisement
प्राध्यापक-कर्मियों की बहाली में भारी गड़बड़ी
धनबाद: भारत सेवक समाज (बीएसएस) महिला महाविद्यालय में 13 प्राध्यापक एवं कर्मियों की बहाली में सरकारी नियमों का पालन नहीं किया गया. इसका खुलासा दो सदस्यीय प्रशासनिक जांच टीम ने किया है. टीम ने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है. क्या है मामला: 28 जनवरी 2015 को जिला अनुश्रवण एवं निगरानी समिति की बैठक […]
धनबाद: भारत सेवक समाज (बीएसएस) महिला महाविद्यालय में 13 प्राध्यापक एवं कर्मियों की बहाली में सरकारी नियमों का पालन नहीं किया गया. इसका खुलासा दो सदस्यीय प्रशासनिक जांच टीम ने किया है. टीम ने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है.
क्या है मामला: 28 जनवरी 2015 को जिला अनुश्रवण एवं निगरानी समिति की बैठक में बीएसएस कॉलेज में बहाली के दौरान अनियमितता का मामला उठा था. तत्कालीन उपायुक्त प्रशांत कुमार ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की.
इनकी नौकरी पर लटकी तलवार
रिपोर्ट के अनुसार पायल सुमन (इतिहास शिक्षक), राजीव रंजन (अंग्रेजी शिक्षक), विजय लक्ष्मी (हिंदी शिक्षक), रुचिका सिंह (वनस्पति विज्ञान शिक्षक), उर्मिला कुशवाहा, रमेश कुमार (दोनों लिपिक), शशि भूषण कुमार (पुस्तकालय सहायक), सोनाली प्रियदर्शिनी (प्रयोगशाला सहायक जंतु विज्ञान), संजय कुमार (प्रयोगशाला सहायक वनस्पति विज्ञान), दिलीप पासवान (प्रयोगशाला वाहक) तथा अभिलाषा देवी, चंडी महतो एवं बबीता देवी (सभी आदेशपाल) की नियुक्ति कटघरे में है.
राज्य सरकार को भेजी जायेगी रिपोर्ट : डीसी
बीएसएस कॉलेज मामले में गठित जांच टीम की रिपोर्ट मिल गयी है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्रलय से मार्गदर्शन मांगा जायेगा. मंत्रलय को रिपोर्ट भेजी जायेगी.
केएन झा, उपायुक्त
नोटिस बोर्ड पर सूचना दे कर की गयी बहाली
झारखंड सरकार के मानव संसाधन विभाग से स्थायी संबद्धन प्राप्त इस कॉलेज में एक प्राचार्य, 43 शिक्षक एवं 38 शिक्षकेतर कर्मियों का पद स्वीकृत है. जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि 13 प्राध्यापक एवं कर्मियों की बहाली के सरकारी प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी. अखबार में बहाली का विज्ञापन नहीं छपवा कर सिर्फ कॉलेज के नोटिस बोर्ड में सूचना दे कर बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी. जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि कॉलेज में सारी बहाली कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर विज्ञापन दे कर ही कर ली गयी. शासी निकाय के जो भी सचिव रहे उन्होंने बहाली में मनमर्जी की. यूनिवर्सिटी की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुआ. जांच कमेटी ने लिखा है कि शासी निकाय द्वारा बीएसएस महिला महाविद्यालय में की गयी सभी नियुक्तियों में घोर अनियमितता बरती गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement