धनबाद. लोकतांत्रिक व्यवस्था, विचारधारा और मूल्यों के प्रति टूटती प्रतिबद्धताओं के मद्देनजर आज समाज में मीडिया की क्या भूमिका है? मीडिया कहां खड़ा है? कार्यपालिका, न्यायपालिका व विधायिका के बाद मीडिया को लोकतंत्र का एक स्तंभ मानना सही है? क्या लोकतंत्र के इस स्तंभ (मीडिया) के पास भी वही शक्ति है, जो अन्य तीनों घोषित स्तंभों के पास है? ऐसे कई सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश के साथ शनिवार से धनबाद स्थित एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में दो दिवसीय सेमिनार शुरू हुआ. सेमिनार का विषय है-‘मीडिया एंड सोसाइटी : इश्यू, परसपेक्टिव एंड चैलेंज.’ अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्य डॉ किरण सिंह ने की. मंच संचालन प्रोफेसर रीता सिंह ने किया. अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन व कॉलेज की छात्रओं की ओर से मंगलाचरण के बाद सेमिनार शुरू हुआ.
पेड न्यूज का रोग : सेमिनार में मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश ने कहा कि यह गलत है कि मीडिया समाज की रहनुमाई करती है. मीडिया का काम रहनुमाई करना नहीं. मीडिया की वर्तमान दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है कि अब खबरें बेची जा रही हैं. पेड न्यूज के रोग ने मीडिया जाति को जकड़ लिया है. इस कारण संपूर्ण मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं? मीडिया में व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यपालिका एवं विधायिका की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करने वाले मीडिया के कई बड़े लोगों का नाम टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला में सामने आया. मीडिया को जिस पवित्रता की दृष्टि से देखा जाता था, वह स्थिति आज नहीं है. आज मीडिया की कार्यप्रणाली भी विधायिका व कार्यपालिका की तरह भ्रष्टाचार का शिकार हो गयी है.
भ्रष्टाचार चिंता का विषय : उत्तर प्रदेश में आइएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को काम न करने देने समेत कई अन्य उदाहरणों के हवाले से उन्होंने कहा कि कार्यपालिका व राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर पिछले दिनों लगे आरोप देश-समाज के लिए शर्मनाक स्थिति है. आर्मी चीफ रहे बीके सिंह के खिलाफ एक बड़े अखबार में रिपोर्ट लिक हुई. सरकार ने जब उसकी जांच करायी तो मामला गलत निकला और यह बात सामने आयी रिपोर्ट सरकार ने ही लिक करायी थी.
कॉमर्स विभाग है आयोजक : एसएसएलएनटी कॉलेज के कॉमर्स विभाग की ओर से आयोजित इस सेमिनार का प्रायोजक यूजीसी कोलकाता है, जबकि गुरुनानक कॉलेज सहयोगी है. सेमिनार में मंच पर कॉमर्स विभाग की प्रमुख डॉ. प्रमिला चौधरी, गुरुनानक कॉलेज के प्रिंसिपल पी शेखर, डॉ. अली इमाम, फिल्म स्क्रिप्ट राइटर संजय चौहान तथा धर्मेश कांत मौजूद थे. इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार इंद्रजीत सिंह, साहित्यकार श्रीराम दुबे, प्रमोद पाठक, शैलेंद्र कुमार, डॉ. केके शर्मा आदि मौजूद थे.