धनबाद: मैथन जलापूर्ति योजना के तहत शहर में आपूर्ति होने वाला पानी अगर अगले कुछ दिनों में गंदा मिले तो चौंकियेगा नहीं, क्योंकि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही के कारण ऐसा हो सकता है. वर्तमान में मेंटेनेंस करने वाली कंपनी का कार्यकाल समाप्त हुए लगभग दो माह बीतने को है. अब तक टेंडर फाइनल तक नहीं हुआ है.
मालूम हो कि मैथन जलापूर्ति योजना के फेज वन के मेंटेनेंस का काम वी टेक कर रहा है, जबकि फेज टू का काम नागाजरुन. दोनों का कार्यकाल 31 जुलाई को पूरा हो गया. इसके बाद भी विभाग की नींद नहीं टूटी.
अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में टेंडर किया गया. कुल चार लोगों ने इसमें भाग लिया. टेंडर हुए भी एक माह होने को है, लेकिन इसे फाइनल नहीं किया जा रहा है. इधर पहले से मेंटेनेंस में लगी कंपनियां भी विभाग के दबाव में जैसे-तैसे मेंटेनेंस का काम कर रही. वह भी सोच रही है कि जब इस अवधि की कोई अतिरिक्त राशि नहीं मिलने वाली है, तो काम का क्या फायदा. वे कंपनियां भी चाह रही हैं कि अविलंब टेंडर फाइनल हो जाये ताकि आगे काम करना हो तो वे काम करेंगे, अन्यथा उसे छोड़ देंगे.