उनकी कार सकरुलेटिंग एरिया में बिना प्रवेश किये ही प्लेटफॉर्म के अंदर चली जायेगी. वहीं दूसरी तरफ कॉल टैक्सी एंड रेडियो टैक्सी की भी व्यवस्था ए वन स्टेशनों पर की जायेगी. इसकी पूरी जिम्मेदारी जीआरपी व जिला पुलिस के पास होगी. इसमें मात्र 10 टैक्सी ही लिये जायेंगे. प्रीपेड टैक्सी व बूथ की व्यवस्था भी जिला पुलिस ही करेगा.
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रेलवे पार्किग का बदलेगा स्वरूप
धनबाद: रेलवे बोर्ड अब तत्काल प्रीमियम व प्रीमियम स्पेशल ट्रेन की तर्ज पर पार्किग में भी प्रीमियम चार्ज लेने जा रही है. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर दिये है. साथ ही पार्किग का पूरा जिम्मा जोनल रेलवे व मंडल को दे दिया है. अब मंडल के वरीय पदाधिकारी ही पार्किग स्थल की […]
धनबाद: रेलवे बोर्ड अब तत्काल प्रीमियम व प्रीमियम स्पेशल ट्रेन की तर्ज पर पार्किग में भी प्रीमियम चार्ज लेने जा रही है. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर दिये है. साथ ही पार्किग का पूरा जिम्मा जोनल रेलवे व मंडल को दे दिया है. अब मंडल के वरीय पदाधिकारी ही पार्किग स्थल की रेट व एरिया तय करेंगे. पार्किग में कई तरह के बदलाव करने का भी आदेश जारी किया गया है. वहीं पार्किग ठेकेदार पर भी अतिरिक्त बोझ दिया गया है.
पार्किग प्रीमियम से सीधे पहुंचे प्लेटफॉर्म: रेलवे बोर्ड के आदेश में बताया गया है कि देश भर के ए वन व ए कैटेगरी के स्टेशनों पर प्रीमियम पार्किग की व्यवस्था की जायेगी. यहां सामान्य पार्किग के स्थान पर अतिरिक्त चार्ज लिया जायेगा. जबकि प्रीमियम पार्किग के यात्री सीधे प्लेटफॉर्म तक जा पायेंगे. इनके लिए आने व जाने के लिए अलग के गेट बनाया जायेगा. टोल प्लाजा में बूम बैरियर की तरह बैरियर लगाया जायेगा.
पार्किग में होगी गाड़ी मेंटेनेंस: सकरुलर में खास निर्देश दिया गया है कि पार्किग स्थल पर गाड़ी की मेंटेनेंस की भी व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए पार्किग ठेकेदार को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा. इससे यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी. पार्किग स्थल पर हवा भरना, गाड़ी की धुलाई, सफाई व खराबी की जांच कर बनाने की पूरी व्यवस्था होगी. रेलवे बोर्ड ने सभी कैटेगरी के स्टेशनों के लिए अलग-अलग पार्किग शुल्क चार्ज किये हैं. एफ कैटेगरी के हॉल्ट के लिए टिकट ठेकेदार को ही पार्किग स्थल दिये जायेंगे.
पार्किग शुल्क व स्थान तय करेंगे अधिकारी
रेलवे बोर्ड ने अपने सकरुलर के माध्यम से कहा है कि अब पार्किग स्थल की टेंडर सिंगल पैक ओपन टेंडर होगा. टेंडर की मान्यता तीन सालों की होगी. यदि टेंडर में लोग नहीं आते है तो कोटेशन के अनुसार टेंडर दिये जायेंगे. इसकी अनुमति डीआरएम देंगे. टेंडर लेने के लिए ठेकेदार को लगभग कुल टेंडर की 12 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी. जो कि टेंडर समाप्त होने के बाद रेलवे वापस करेगी. सीनियर डीसीएम व इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी पार्किग स्थल का चयन करेंगे और ठेकेदार को टेंडर के बाद देंगे. पार्किग स्थल पर शेड ठेकेदार को लगाना होगा. पार्किग में मूल्य का निर्धारण सीनियर डीसीएम मार्केट के अनुसार तय करेंगे.
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