धनबाद: रायपुर में चल रहे इंटक के अधिवेशन के आखिरी दिन सोमवार को प्रधानमंत्री का संदेश आया. कोयला मंत्री भी आये. जम कर भाषण भी दिया. नहीं दिया तो कोल इंडिया के पुनर्गठन एवं विनिवेश पर कोई ठोस आश्वासन, जिसकी उम्मीद इंटक के आला नेता पाले हुए थे. प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का लिखित संदेश इंटक अध्यक्ष संजीवा रेड्डी ने पढ़ा. इसमें अधिवेशन की सफलता की कामना और मजदूरों की मांगों पर विचार का आश्वासन था. यह भी कि इस सिलसिले में मंत्री समूह को कहा गया है. कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि मेरा राजनीतिक जीवन इंटक से ही शुरू हुआ है.
उन्होंने कोयला उद्योग में 23 सितंबर से प्रस्तावित तीन दिवसीय हड़ताल को टालने का आग्रह करते हुए कहा कि समस्या का हल बातचीत से करेंगे. इससे पूर्व इंटक के महासचिव-सह-झारखंड सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने स्वागत भाषण मे कोल इंडिया का पुनर्गठन एवं कोल इंडिया में विनिवेश नहीं करने, ठेका मजदूरों के संबंध मे हाई पावर कमेटी के निर्णय को लागू करने, ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने का आग्रह किया.
श्री सिंह ने कहा कि हड़ताल का निर्णय मजबूरी में लेना पड़ा है. इस अधिवेशन में एके झा, ब्रजेंद्र सिंह, मिथलेश कुमार सिंह, ओपी लाल, रामेश्वर सिंह, एसएस जामा, संतोष महतो, लगन देव यादव, रामायण प्रसाद, शंकर प्रसाद, चंदन सिंह, बीके अंबष्ट, जय राम यादव, देवी शर्मा, राम प्रीत यादव आदि इंटक नेताओं ने शिरकत की.