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बच्चों को पढ़ाने के जीआरपी के सपने का सच

धनबाद: धनबाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर जिंदगी गुजारने वाले बच्चों को आवासीय विद्यालय में पढ़ाने के जीआरपी के सपने की हकीकत देखिये. बच्चे फिर से स्टेशन में लावारिस घूमने लगे हैं. वे पुरानी जिंदगी में लौट आये हैं. पांच सितंबर जीआरपी ने इन बच्चों (11 लड़कों व 3 लड़कियों) को स्कूल ड्रेस व पुस्तकें दी […]

धनबाद: धनबाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर जिंदगी गुजारने वाले बच्चों को आवासीय विद्यालय में पढ़ाने के जीआरपी के सपने की हकीकत देखिये. बच्चे फिर से स्टेशन में लावारिस घूमने लगे हैं.

वे पुरानी जिंदगी में लौट आये हैं. पांच सितंबर जीआरपी ने इन बच्चों (11 लड़कों व 3 लड़कियों) को स्कूल ड्रेस व पुस्तकें दी थी. बाल सुधार कार्यक्रम के तहत बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इसे शुरुआत बताया गया था.

कहा गया था कि डीसी से बात की गयी है. उनके निर्देश पर 11 लड़कों का हीरापुर में अभय सुंदरी अनाथालय आवासीय विद्यालय और तीन लड़कियों का कस्तूरबा आवासीय विद्यालय गोविंदपुर में नामांकन कराया जायेगा. बताया गया था कि चाइल्ड लाइन की को-ऑर्डिनेटर मुनमुन पांडेय व मेंबर वीरेंद्र कुमार मॉनीटरिंग करेंगे. दोनों स्कूल जाकर देखेंगे कि बच्चों की सही से पढ़ाई-लिखाई हो रही है या नहीं. लेकिन नौ सितंबर को इन्हीं में से कुछ बच्चे पुराने हाल में नजर आये. जीआरपी का कहना है कि स्कूल में एडमिशन के लिए डीसी को लिखा गया है. वहां से जवाब का इंतजार है.

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