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एसटी कमीशन ने शुरू की जांच करा सकती है एफआइआर
मामला आदिवासियों के जमीन का मुआवजा हड़पने का मुआवजा घोटाले की जांच करने पहुंची धनबाद पहुंची आयोग की टीम धनबाद : धनबाद रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण में आदिवासियों का मुआवजा बिचौलियों द्वारा हड़पे जाने के मामले की जांच करने केंद्रीय जन जातीय आयोग की दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार को दुहाटांड का दौरा […]
मामला आदिवासियों के जमीन का मुआवजा हड़पने का
मुआवजा घोटाले की जांच करने पहुंची धनबाद पहुंची आयोग की टीम
धनबाद : धनबाद रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण में आदिवासियों का मुआवजा बिचौलियों द्वारा हड़पे जाने के मामले की जांच करने केंद्रीय जन जातीय आयोग की दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार को दुहाटांड का दौरा किया. इस दौरान जांच टीम के सदस्यों ने पीड़ित परिवार के लोगों का बयान लिया दर्ज किया.
टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर आयोग राज्य सरकार से जवाब मांगेगी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन ने इस मामले में एफआइआर दर्ज करायी है, वो प्रभावी नहीं हुए तो आयोग की जांच टीम इन मामलों में पुन: मामला दर्ज करा सकती है. मालूम हो कि जिला प्रशासन द्वारा दो मामला दर्ज कराया गया है.
इधर, आयोग से जांच करने पहुंचे टीम के सदस्य व आयोग के सहायक निदेशक आरके दूब ने बताया कि राष्ट्रीय जन जातीय आयोग के चेयरमैन डॉ रामेश्वर उरांव के निर्देश पर जमीन अधिग्रहण में कथित रूप से हुई अनियमितता की जांच की जा रही है. इस संबंध में धनबाद के सहायक आयुक्त से मामला की पूरी जानकारी मांगी गयी है. श्री दूबे ने बताया कि आयोग की जांच में पीड़ित का बयान लिया जाता है. इसलिए पीड़ित परिवार के लगभग 10 लोगों का लिखित रूप से बयान लिया गया है. जांच रिपोर्ट मई के दूसरे सप्ताह से पहले मुख्यालय को भेज दी जायेगी. मुख्यालय जांच कमेटी ही इस पर अंतिम फैसला लेगी.
मालूम हो की टीम के सदस्य बुधवार तक धनबाद में रह कर घोटाले की जांच करेंगे. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर ने प्रमुखता के साथ आदिवासियों का मुआवजा हड़पे जाने का मामला उठाया था. प्रभात खबर में छपी रिपोर्ट पर ही राष्ट्रीय जनजातीय आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया है.
गलत हुआ है आदिवासियों के साथ : दुबे
घोटाला की जांच कर रहे आयोग के सहायक निदेशक आरके दुबे ने बताया कि अभी तक जांच में जो तथ्य सामने आये हैं, उससे यह साफ है कि आदिवासियों के साथ गलत हुआ है. वहीं श्री दुबे ने इन लोगों न्याय दिलाने की बात कही. हालांकि श्री दुबे ने यह भी कहां कि चूंकि ये मामला उच्च स्तरीय है. इस पर अंतिम फैसला मुख्यालय के उच्च अधिकारी को लेना है.
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