वहीं पैक्स ने रुपये निकासी की जानकारी भी आयकर विभाग को नहीं दी, जबकि बिचौलियों ने एक दिन में अधिकतम 83 लाख रुपये तक नकद निकाले थे. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि बचत खाते में 26.99 लाख रुपये का ओवर ड्राफ्ट(ओडी) कर दिया गया, जो प्रबंधक के अधिकार क्षेत्र के बाहर है.
8.8.12 को चेक संख्या 007362 से 9 लाख रुपये निकाले गये, जबकि मुमरू के खाते में पहले से ओवर ड्राफ्ट (ओडी) आठ लाख 99 हजार रुपये था. इस तरह उक्त तिथि को 17 लाख 99 हजार का ओडी किया गया. चेक के पिछले पृष्ठ पर रसिक मुमरू के साथ रोहित वरियार का भी हस्ताक्षर है. वहीं पैक्स की ओर से दिये ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट के अनुसार निकासी कर्ता के नाम के जगह रोहित का नाम अंकित है.
इसी तरह 9.8.12 को चेक संख्या 007363 से 9 लाख रुपये निकाले गये, जबकि रसिक मुमरू के खाते में पहले से 17 लाख 99 हजार रुपये का ओडी था. इस तरह उक्त तिथि को 26 लाख 99 हजार रुपये का ओडी हो गया. इस निकासी चेक के मुख्य एवं पिछले पृष्ठ पर रसिक मुमरू के हस्ताक्षर हैं. रिपोर्ट के अनुसार खाताधारी के एकाउंट से निकासी कर्ता की जगह क्रमश: आलोक वरियार, रोहित एवं काजल विश्वास के संदर्भ में पैक्स प्रबंधक से पूछा गया कि रसिक मुमरू की जगह उक्त व्यक्तियों के नाम कंप्युटराइज प्रिंट में क्यों अंकित किया गया. इसपर प्रबंधक अनूप कुमार महतो ने बताया कि बड़ी रकम देते वक्त रसिक मुमरू की पहचान के व्यक्तियों से गवाह के रूप में हस्ताक्षर लिये गये हैं.