18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जमीन मुआवजा घोटाले की जांच पूरी

धनबाद: रिंग रोड के लिए आदिवासियों की अधिग्रहीत जमीन के बदले मुआवजा में घोटाले की जांच जिला स्तरीय टीम ने पूरी कर ली है.आगे की कार्रवाई उपायुक्त स्तर पर होगी. बताते चलें कि मुआवजे के रूप में जारी किये गये 11 करोड़ 10 लाख रुपये बिचौलियों ने निकाल लिये. रकम दिलाने के लिए खाता खुलवाने […]

धनबाद: रिंग रोड के लिए आदिवासियों की अधिग्रहीत जमीन के बदले मुआवजा में घोटाले की जांच जिला स्तरीय टीम ने पूरी कर ली है.आगे की कार्रवाई उपायुक्त स्तर पर होगी. बताते चलें कि मुआवजे के रूप में जारी किये गये 11 करोड़ 10 लाख रुपये बिचौलियों ने निकाल लिये. रकम दिलाने के लिए खाता खुलवाने में मदद की और खुद पहचान कर्ता भी बने.

वहीं पैक्स ने रुपये निकासी की जानकारी भी आयकर विभाग को नहीं दी, जबकि बिचौलियों ने एक दिन में अधिकतम 83 लाख रुपये तक नकद निकाले थे. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि बचत खाते में 26.99 लाख रुपये का ओवर ड्राफ्ट(ओडी) कर दिया गया, जो प्रबंधक के अधिकार क्षेत्र के बाहर है.

क्या है जांच रिपोर्ट में : 10 हजार राशि जमा कर जोड़ापोखर पैक्स में रसिक मुमरू का खाता खोला गया. रसिक मुमरू ने 27 लाख रुपये का चेक( संख्या 000366, बैंक ऑफ इंडिया धनबाद) दिनांक 6.8.12 को पैक्स में जमा किया. इसके विरुद्ध पैक्स के ट्रांसफर वाउचर-2 से दिनांक 11.8.12 को 27 लाख रुपये रसिक मुमरू के खाते में क्रेडिट किये गये. 6.8.12 को चेक संख्या 007365 से नौ लाख रुपये निकाले गये, जबकि रसिक के खाते में सीआर बैलेंस मात्र दस हजार ही था.

8.8.12 को चेक संख्या 007362 से 9 लाख रुपये निकाले गये, जबकि मुमरू के खाते में पहले से ओवर ड्राफ्ट (ओडी) आठ लाख 99 हजार रुपये था. इस तरह उक्त तिथि को 17 लाख 99 हजार का ओडी किया गया. चेक के पिछले पृष्ठ पर रसिक मुमरू के साथ रोहित वरियार का भी हस्ताक्षर है. वहीं पैक्स की ओर से दिये ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट के अनुसार निकासी कर्ता के नाम के जगह रोहित का नाम अंकित है.

इसी तरह 9.8.12 को चेक संख्या 007363 से 9 लाख रुपये निकाले गये, जबकि रसिक मुमरू के खाते में पहले से 17 लाख 99 हजार रुपये का ओडी था. इस तरह उक्त तिथि को 26 लाख 99 हजार रुपये का ओडी हो गया. इस निकासी चेक के मुख्य एवं पिछले पृष्ठ पर रसिक मुमरू के हस्ताक्षर हैं. रिपोर्ट के अनुसार खाताधारी के एकाउंट से निकासी कर्ता की जगह क्रमश: आलोक वरियार, रोहित एवं काजल विश्वास के संदर्भ में पैक्स प्रबंधक से पूछा गया कि रसिक मुमरू की जगह उक्त व्यक्तियों के नाम कंप्युटराइज प्रिंट में क्यों अंकित किया गया. इसपर प्रबंधक अनूप कुमार महतो ने बताया कि बड़ी रकम देते वक्त रसिक मुमरू की पहचान के व्यक्तियों से गवाह के रूप में हस्ताक्षर लिये गये हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें