धनबाद : नगर निगम क्षेत्र में बिना अनुमति के चल रहे मोबाइल टावर पर कार्रवाई होगी. मोबाइल टावर कंपनी के साथ-साथ जिसकी जमीन पर टावर लगा है, उन्हें भी शो-कॉज किया जायेगा. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी लिखा गया है.
प्रभात खबर ने मोबाइल टावर के रेडियशन से होनेवाले दुष्प्रभाव को प्रमुखता से उठाया था. पार्षद निर्मल मुखर्जी ने प्रभात खबर की प्रति सरकार व मानवाधिकार कोषांग भेजी. खबर को संज्ञान में लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने नगर विकास विभाग को जांच का आदेश जारी किया. प्रभारी नगर आयुक्त बीपीएल दास ने बताया कि सरकार के निर्देश पर मोबाइल टावर कंपनियों पर कार्रवाई शुरू की गयी है. कार्यपालक पदाधिकारी को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है.
वैसे मोबाइल कंपनियों की सूची तैयार की जा रही है जिन्होंने बिना नगर निगम से एनओसी लिये टावर लगाये हैं. इधर पार्षद निर्मल मुखर्जी ने कहा कि शुरुआती दौर में नगर निगम एक टावर के एनओसी के लिए एक लाख दस हजार रुपया तक लेता था. लेकिन इधर कुछ वर्षो से टेलीकॉम कंपनियों ने एनओसी लेना बंद कर दिया. इसके कारण हर साल निगम को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है. जिले में सैकड़ों टावर हैं, जबकि निगम के छाताटांड़ व सिंदरी अंचल में क्रमश: 12 व 15 एवं धनबाद में मात्र छह टावर ही दर्ज हैं. झरिया और कतरास का निगम के पास कोई ब्योरा नहीं है.