यही नहीं पिछले वर्ष का भी एक करोड़ रुपये खजाने में ही पड़ा हुआ है. यह स्थिति तब है जब असाध्य रोग निधि को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिले के सिविल सजर्न को पत्र लिखा था. स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि इस अति आवश्यक निधि को किसी भी सूरत में सरेंडर नहीं किया जा सकता है. इसे हर हाल में गरीबों के बीच बांटना है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने ऐसा नहीं किया.
Advertisement
असाध्य रोग के दो करोड़ रुपये सरेंडर
धनबाद: सरकार की ओर से असाध्य रोग के लिए भेजे गये दो करोड़ रुपये को धनबाद स्वास्थ्य विभाग ने सरेंडर कर दिया है. जबकि कई गरीब इलाज से वंचित रह गये. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले पर जहां सरकारी नियमों का हवाला दे रहे हैं, वहीं आम लोग इसे सरकारी लापरवाही बता रहे हैं. […]
धनबाद: सरकार की ओर से असाध्य रोग के लिए भेजे गये दो करोड़ रुपये को धनबाद स्वास्थ्य विभाग ने सरेंडर कर दिया है. जबकि कई गरीब इलाज से वंचित रह गये. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले पर जहां सरकारी नियमों का हवाला दे रहे हैं, वहीं आम लोग इसे सरकारी लापरवाही बता रहे हैं.
जानें असाध्य रोग को: गरीब लोगों को गंभीर बीमारी हो जाने के बाद इलाज के लिए सरकार असाध्य रोग निधि के तहत राशि प्रदान करती है. इसके लिए देश भर के नामांकित बड़े अस्पतालों में गरीब लोगों को इलाज करने की सुविधा मिलती है. इसके लाभ के लिए बीमार व्यक्ति को सिविल सजर्न कार्यालय में आवेदन देना होता है. मेडिकल बोर्ड के माध्यम से लाभ के लिए अंतिम मुहर लगती है. राशि सीधे संबंधित अस्पताल को चेक के माध्यम से दे दी जाती है.
नये नियम से परेशानी: सरकार ने वर्ष 2014 में असाध्य रोग के लिए नये नियम बना दिये हैं. इसके तहत शहर में रहने वाले वैसे गरीब जो 33 रुपये हर दिन व गांव में 28 रुपये कमाने वाले लोग ही असाध्य रोग के लाभुक हो सकते हैं. पहले असाध्य रोग के लिए बीपीएल होना जरूरी था. हालांकि नये नियम में असाध्य रोग की अधिकतम राशि डेढ़ लाख से बढ़ा कर ढाई लाख रुपये कर दिया गया. नये नियम के कारण ही इस वर्ष काफी कम लोगों को ही लाभ मिल पाया. राशि एडवांस में निकाला भी नहीं जा सकता है.
पिछले वर्ष के एक करोड़ रुपये पड़े हैं. नये नियमों के अनुसार एडवांस निकाल नहीं सकते हैं. ऐसे में राशि को सरेंडर कर दिया गया है. हालांकि गरीब मरीजों को लाभ मिल रहा है.
डॉ एके सिन्हा, सीएस धनबाद.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement