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फर्जी सिंबल : 16 वर्ष बाद भी नहीं हुई उप समाहर्ता की गवाही

धनबाद: झारखंड मुक्ति मोरचा के फर्जी सिंबल पर चुनाव लड़ने के मामले में सुनवाई सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी प्रताप चंद्रा की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह हाजिर थे. जबकि अन्य आरोपी जय प्रकाश चौरसिया गैर हाजिर थे. अदालत 16 वर्षो के बाद भी अभियोजन की लापरवाही के कारण […]

धनबाद: झारखंड मुक्ति मोरचा के फर्जी सिंबल पर चुनाव लड़ने के मामले में सुनवाई सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी प्रताप चंद्रा की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह हाजिर थे. जबकि अन्य आरोपी जय प्रकाश चौरसिया गैर हाजिर थे. अदालत 16 वर्षो के बाद भी अभियोजन की लापरवाही के कारण सूचक धनबाद के पूर्व उपसमाहर्ता विधि शाखा महर्षि राम की गवाही नहीं करा सकी.

जबकि झारखंड उच्च न्यायालय ने वर्षो से लंबित पड़े पुराने वादों की त्वरित सुनवाई कर निष्पादन करने का आदेश दिया है. आरोप है कि 12 वीं लोक सभा चुनाव में समरेश सिंह ने झामुमो का फर्जी सिंबल प्रपत्र ए व बी लेकर झामुमो उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया था. झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने 28 जनवरी 98 को दूरभाष पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सूचना दी कि समरेश सिंह को झामुमो का प्रपत्र ए व बी नहीं दिया गया है.

यदि वे नामांकन करते हैं तो वह अवैध होगा. इस पर समरेश सिंह ने 31 जनवरी 98 को अपनी आपत्ति जतायी थी. महर्षि राम ने इस मामले में 13 जुलाई 99 को सीजेएम की अदालत में प्रत्याशी समरेश सिंह व उनके समर्थक व प्रस्तावक जयप्रकाश चौरसिया व राधेश्याम अग्रवाल के खिलाफ सीओ केस 60/99 दर्ज कराया. अदालत ने विचारण के दौरान 11 जुलाई 13 को अभियोजन की ओर से पहला गवाह शिवलाल टुडू का बयान दर्ज किया था. सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियोजन को गवाह लाने का अंतिम मौका दिया है.

पुलिस हमलाकांड में समरेश सिंह समेत पांच हाजिर
पेयजलापूर्ति की मांग को लेकर जिला प्रशासन के विरोध में समाहरणालय गेट को जाम कर पुलिस कर्मियों पर जानलेवा हमला मामले की सुनवाई सोमवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश नवम अभय कुमार सिन्हा की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी पूर्व विधायक विधायक समरेश सिंह, महेंद्र सिंह मीनू, मनोज महतो, पवन महतो व बामा पदो सहिस हाजिर थे. अब इस मामले में सुनवाई 16 मार्च को होगी. आरोपियों ने 27 अप्रैल 06 को इस घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद पूर्व कार्यपालक दंडाधिकारी गीता राम ने धनबाद थाना में आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी. अदालत ने विचारण के दौरान आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 147,148,149,353,307,34 के तहत आरोप तय किया.
पुरुष का अंग काटने में आरोपियों का बयान दर्ज
बलियापुर थाना क्षेत्र में पुरुष का लिंग काटने के मामले की सुनवाई सोमवार को एडीजे ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत में हुई. सुनवाई के वक्त पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच जेल में बंद आरोपी अनूप मुमरू को अदालत में उपस्थापन कराया. एक अन्य आरोपी नेताजी मुमूरू भी हाजिर था. दोनों ने अपना सफाई बयान दंप्रसं की धारा 313 के तहत अदालत में दर्ज कराते हुए आरोप से इनकार किया. अदालत ने बहस की अगली तिथि 24 फरवरी 15 मुकर्रर कर दी. मामला यह है कि 22 फरवरी 13 को सरस्वती मूर्ति विसजर्न के दौरान आरोपियों ने वहीं के रहने वाले हीरा लाल टुडू को एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा कर उसका लिंग को काट दिया. बाद में पुुलिस ने हीरा लाल के फर्दबयान पर आरोपियों के विरुद्ध 23 फरवरी 13 को बलियापुर थाना में कांड संख्या 17 /13 भादवि की धारा 341, 323, 326, 307, 34 दर्ज किया. केस के आइओ शिवम मंडल ने आरोपी अनूप मुमरू को 5 मार्च 13 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उन्होंने 30 अप्रैल 13 को आरपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित कर दिया.

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