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एसएस चौधरी सहित 17 के खिलाफ कोर्ट ने लिया संज्ञान
ध्रुव नारायण परिहस्त व सुनील खवाड़े का भी नाम धनबाद : बहुचर्चित देवघर भूमि घोटाले में सीबीआइ कोर्ट ने सोमवार को चाजर्शीटेड अभियुक्तों के खिलाफ संज्ञान लिया है. तत्कालीन सीओ सह धनबाद नगर निगम के डिप्टी सीइओ सिद्धार्थ शंकर चौधरी समेत 17 लोगों के खिलाफ संज्ञान लिया है. तत्कालीन अभिलेखागार पदाधिकारी मिथिलेश कुमार झा, कमलेश्वरी […]
ध्रुव नारायण परिहस्त व सुनील खवाड़े का भी नाम
धनबाद : बहुचर्चित देवघर भूमि घोटाले में सीबीआइ कोर्ट ने सोमवार को चाजर्शीटेड अभियुक्तों के खिलाफ संज्ञान लिया है. तत्कालीन सीओ सह धनबाद नगर निगम के डिप्टी सीइओ सिद्धार्थ शंकर चौधरी समेत 17 लोगों के खिलाफ संज्ञान लिया है.
तत्कालीन अभिलेखागार पदाधिकारी मिथिलेश कुमार झा, कमलेश्वरी प्रसाद सिंह, ज्योतिंद्र पोद्दार, अमल कुमार बरई, रुपलाल मांझी, देवघर के अवर निबंधक (रिटायर), भोगेंद्र ठाकुर एसडीओ राजधनवार, राम कुमार मधेशिया, अवर निबंधक लातेहार, ब्रrादेव प्रसाद केशरी रिटायर्ड राजस्व कर्मचारी, माणिक सिंह सर्किल इंस्पेक्टर पाटन, देवेंद्र कुमार बीडीओ मोहनपुर, ध्रुव नारायण परिहस्त, महेश्वरी देवी, देव नारायण परिहस्त, सुनील खवाड़े, कपिल देव प्रसाद वर्णवाल, राजेंद्र कुमार देवकी देवी के खिलाफ संज्ञान लिया है.
1000 करोड़ है देवघर भूमि घोटाला
धनबाद : पिछले दिनों सीबीआइ ने वर्ष 2010-2011 में देवघर में राज्य के सबसे बड़े एक हजार करोड़ से अधिक भूमि घोटाले में चाजर्शीट दाखिल की थी. 826 एकड़ से अधिक जमीन वर्ष 2000 से 2011 के बीच फरजी तरीके से बेची गयी थी. वर्ष 2012 की 19 जून को सीबीआइ ने मामला दर्ज की थी. वर्ष 2010 की अगस्त माह में तत्कालीन देवघर डीसी मस्तराम मीणा ने फरजी कागजात के आधार पर देवघर, मधुपुर व मोहनपुर में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री का अंदेशा जताते हुए विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी.
वर्ष 2011 की दिसंबर माह में तत्कालीन सीएम अजरुन मुंडा ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी. भू-माफियाओं से सांठ-गांठ कर सरकारी कर्मियों ने जला दिये थे अभिलेखागार के रिकार्ड. सीबीआइ ने मामले में दो केस दर्ज की थी.
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