धनबाद/गोमो: हरिहरपुर थानांतर्गत गुनघसा निवासी रेलकर्मी मनपूरन मंडल के अपहृत पुत्र असित कुमार मंडल (20) की लाश मंगलवार को चैताडीह जंगल से बरामद की गयी. रविवार की सुबह उसका अपहरण कर लिया गया था. पुलिस जांच में पता चला कि हत्या असित के मित्रों और सहपाठियों ने ही की है. हत्या के बाद चोरी के मोबाइल से रेलकर्मी से 20 लाख की फिरौती मांगी जा रही थी.
मंगलवार की शाम पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर हत्या में शामिल गुनघुसा निवासी मो यूनुस अंसारी के पुत्र कलीम अंसारी व अब्दुल रसीद अंसारी के पुत्र मकसूद अंसारी को पकड़ा. दोनों की निशानदेही पर चैताडीह जंगल से असित का शव बरामद किया गया. फिर पारसनाथ स्टेशन के समीप छुपा कर रखे गये मोबाइल व सीम भी बरामद कर लिया गया. इसी मोबाइल से फिरौती मांगी जा रही थी. घटना के बाद रेलकर्मी ने अपनी बहन छवि देवी व बड़े भाई अकलू मंडल के खिलाफ अपहरण की एफआइआर दर्ज करायी थी. एसपी अनूप टी मैथ्यू ने मंगलवार की रात धनबाद थाना में प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी. मौके पर बाघमारा डीएसपी विनोद कुमार, तोपचांची इंस्पेक्टर भगवान दास व पुलिस टीम के अफसर मौजूद थे.
घर से बुला कर दगा दिया : गिरफ्तार मकसूद पीके राय में असित के साथ इंटर में पढ़ता था. कलीम मकसूद का दोस्त है. मकसूद ने कलीम से असित की दोस्ती करायी. गोमो की एक चोरी में कलीम व मकसूद साथ था. रविवार को साजिश के तहत चोरी के मोबाइल से फोन कर मकसूद ने असीत को तेहराटांड़ बुलाया. असित अपनी बाइक से पहुंचा, तीनों सिगरेट पीने के के बाद जंगल की ओर गये. असीत को खैनी बनाने के लिए दिया गया. इस दौरान मकसूद व कलीम ने सुतरी से असित का गला घोंट कर शव को चैताडीह जंगल में फेंक दिया. असित की बाइक लाकर गोमो बाजार में लावारिस अवस्था में छोड़ दी. सोमवार को ही पुलिस ने बाइक बरामद कर ली थी.
एसपी के अनुसार गिरफ्तार कलीम व मकसूद ने पहले ही असीत का अपहरण कर पैसे मांगने की योजना बनायी थी. असीत के पिता रेलकर्मी हैं और उनके पास पैसे हैं. इसलिए आसानी से पैसा मिलने की उन्हें उम्मीद थी. अगवा कर पैसा मांगने पर फंसने का डर था. जांच के दौरान फिरौती वाले मोबाइल का लोकेशन इसरी बताये जाने से पुलिस परेशान थी. लेकिन इस मोबाइल से एक और व्यक्ति को पोन किया गया था. पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो सारा राज खुल गया. पुलिस टीम में एसपी के साथ डीएसपी, इंस्पेक्टर व हरिहरपुर थानेदार सहदेव प्रसाद, रामकनाली थानेदार सुरेंद्र प्रसाद, बरोरा थानेदार रामनारायण चौधरी, तोपचांची थानेदार बैजू उरांव व एसआइ रामकृष्ण उपाध्याय शामिल थे.