धनबाद/सिंदरी : कनाडा के मेनिटोवा यूनिवर्सिटी की टीम गुरुवार को स्टूडेंट्स एंड फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम की संभावना तलाशने बीआइटी सिंदरी पहुंचीं. इस तीन दिवसीय दौरे में टीम के को-ऑर्डिनेटर जेपी बराक तथा एए सहाय बीआइटी में रिसर्च, ज्वाइंट पब्लिकेशन, पेटेंट, कंसल्टेंसी के क्षेत्र का मुआयना करेंगे. मौके पर दोनों संस्थानों ने अपना -अपना प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया.
मेनिटोवा यूनिवर्सिटी : 1977 से स्थापित यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग के लिए कुल 1900 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं. यहां मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बायो मेडिकल, इनवारमेंटल साइंस तथा जीओ टेक्नोलॉजी के साथ–साथ यूजी व पीजी की पढ़ाई होती है. प्रजेंटेशन में यूनिवर्सिटी की विशेषता व उपलब्धियों को विस्तृत रूप से बताया गया.
बीआइटी सिंदरी : अविभाजित बिहार के समय से ही इंजीनियरिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय ही नहीं विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाली बीआइटी सिंदरी के इतिहास तथा इसकी उपलब्धियों पर रिपोर्ट पेश की गयी.
एलुमनी का प्रयास रंग लाया : बीआइटी सिंदरी के पांच एल्यूमिनी विधु झा (कनाडा में एमएलए), किरण सिन्हा, रंजीत सिन्हा, एए सहाय(स्कूटर इंडिया लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन) तथा वाई चड्ढ़ा के प्रयास से टीम यहां आयी है. सभी बीआइटी सिंदरी में 1958 से 1962 बैच के छात्र रहे हैं.
क्या होना है : बीआइटी सिंदरी के 10 ब्रांचों का मुआयना करने के बाद टीम अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को देगी. रिपोर्ट के आधार पर अक्तूबर में डीन फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग यहां आयेंगे, जिसके बाद दोनों संस्थानों के बीच एमओयू होगा. मेनिटोवा का आइआइटी जयपुर के साथ एमओयू हो चुका है.