धनबाद: पीएमसीएच को दिया गया कार्डियक एंबुलेंस अधीक्षक के घर की शोभा बढ़ा रहा है. एंबुलेंस को सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रलय ने जून में पीएमसीएच को दिया था. इसकी कीमत 57 लाख रुपये है.
इस एंबुलेंस को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है. इसमें इसीजी मशीन, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, ट्रॉली के साथ स्ट्रेचर आदि की सुविधा है. इसमें 24 घंटे चिकित्सक के साथ टेक्निशियन को भी तैनात रहना है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण आम मरीज इस सेवा से वंचित है.
कई मरीजों की चली जाती है जान : एक ओर दो माह से कार्डियक एंबुलेंस खड़ा है, वहीं कई मरीजों की मौत सड़क दुर्घटना में सही समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से हो जाती है. झारखंड की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एनएच टू धनबाद होकर भी गुजरता है. इस कारण प्राय: इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे मामले में समय रहते इस तरह के एंबुलेंस मिल जाये, तो कई मरीजों की जान बच सकती है. लेकिन इसका फायदा कब लोगों को मिलेगा कोई बताने वाले नहीं. बताया जाता है किमंत्रालयके ओर से एंबुलेंस तो मुहैया करा दिया गया, लेकिन इसके लिए चिकित्सक, टेक्निशियन, ड्राइवर, खलासी आदि की व्यवस्था नहीं है.
पीएमसीएच के एंबुलेंस से ढोया जाता है सामान : पीएमसीएच के पास कहने को तो एक एंबुलेंस हैं, लेकिन इसे एंबुलेंस की जगह माल ढोने वाला वाहन बना दिया गया है. अस्पताल के तमाम कपड़े, दवाइयां, स्टाफ के आने-जाने में इसी एंबुलेंस को प्रयोग में लाया जाता है. दो साल में इस एंबुलेंस से एक भी मरीज को ढोया नहीं गया है.बताया जाता है किर इससे पहले भी एक एंबुलेंस पीएमसीएच के पास था, लेकिन एंबुलेंस खराब हो जाने के बाद वह कभी नहीं बना.