धनबाद: कोयला मंत्री से बात करने से मान्यता प्राप्त पांचों श्रमिक संगठनों ने मना कर दिया. बैठक मे शरीक होने बीएमएस, इंटक, एटक, सीटू और एचएमएस का कोई भी नेता नहीं गया.
आपस में बात करने के बाद सभी यूनियनों ने तय किया कि कोयला मंत्री से बात करना ठीक नहीं होगा. आज शाम 4.30 बजे से दिल्ली शास्त्री भवन स्थित कोल मंत्री के कार्यालय मे बैठक होनेवाली थी. मजदूर यूनियनों ने तय किया है कि छह जनवरी से कोल इंडिया की हड़ताल हर हाल में होगी. इसमें एचएमएस, बीएमएस, इंटक, एटक और सीटू समेत कई अन्य मजदूर संगठन हिस्सा लेंगी. यूनियनों ने कोयला उद्योग में कार्यरत छोटी – छोटी यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया है.
पांचों ट्रेड यूनियन कोल माइंस (स्पेशल प्रोविजन) आर्डिनेंस-14 का विरोध कर रही हैं. इसके साथ-साथ कोल इंडिया में विनिवेश, कोल इंडिया के राष्ट्रीयकरण के साथ छेड़छाड़ का विरोध, निजी हाथों में सौंपने की तैयारी का भी विरोध कर रही हैं. इस संबंध में राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के सेकेट्ररी जेनरल एसक्यू जामा नेकहा कि कोयला मजदूरों के लिए हड़ताल करो या मरो की स्थिति है. यह कोल इंडिया के अस्तित्व की लड़ाई है. अब कोयला कर्मी एकजुट नहीं होंगे, तो आनेवाले समय में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इससे कठिन परिस्थिति कभी कोयलाकर्मियों के लिए नहीं आयी थी. निजी कंपनियों को कोयला बेचने की अधिकार देकर सरकार कोल इंडिया को बर्बाद करना चाहती है.
उप मुख्य श्रमायुक्त ने बैठक बुलायी: कोल इंडिया में कार्यरत केंद्रीय संगठनों के हड़ताल के नोटिस को ले श्रम मंत्रालय भारत की तरफ से उप मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) ने अपने कार्यालय में पांच जनवरी को साढ़े बारह (13:30) बजे वार्ता के लिए बैठक बुलायी है. बैठक में यूनियन व प्रबंधन को बुलाया गया है.