आइएसएम. एडवांसेज इन थर्मल इंजीनियरिंग पर सेमिनार फोटो -ज्योति वरीय संवाददाता धनबाद. थर्मल पावर जेनेरेट के लिए कोल पर निर्भरता कम करना राष्ट्रहित ही नहीं, विश्व हित में सबसे जरूरी कदम है. दुखद स्थिति यह है कि इस मामले में अब तक रिजल्ट संतोषजनक नहीं है. ये बातें डीवीसी के निदेशक सपन कुमार चटर्जी ने कही. वह शुक्रवार को आइएसएम में डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग की ओर से गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित दो दिवसीय नेशनल सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि आने वाले पचास -साठ साल के बाद जब कोयला का भंडार नहीं के बराबर बचेगा, उस समय के संकट से निबटने के बजाय जरूरी है कि अभी से उस पर निर्भरता कम कर न्यूक्लियर व सोलर बेस एनर्जी की ओर कदम बढ़ाया जाये. श्री चटर्जी ने प्रदूषण मुक्त कोल बेस एनर्जी के उत्पादन पर भी न केवल जोर डाला, बल्कि इसके दुष्प्रभाव तथा रोकथाम पर भी विस्तार से चर्चा की.एसपी वंेकटेशन : आइआइटी चेन्नई से आये प्रो. एसपी वंेकटेशन ने आइएसएम जैसे संस्थान में रिसर्च एक्टिविटी पर जोर डाला. कहा कि संस्थान के रिसर्च स्कॉलर को मैकेनिकल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले इंडियन सोसाइटी फॉर हिट एंड मास ट्रांसफर के होने वाले सेमिनार में भाग लेना चाहिए. सेमिनार को विभागाध्यक्ष आरके दास, बीएस गुप्ता ने भी संबोधित किया. कन्वेनर प्रो. एसएन सिंह ने विषय वस्तु पर प्रकाश डाला. सेमिनार शनिवार तक चलेगी.
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पावर के लिए कोल पर निर्भरता कम करना जरूरी : सपन
आइएसएम. एडवांसेज इन थर्मल इंजीनियरिंग पर सेमिनार फोटो -ज्योति वरीय संवाददाता धनबाद. थर्मल पावर जेनेरेट के लिए कोल पर निर्भरता कम करना राष्ट्रहित ही नहीं, विश्व हित में सबसे जरूरी कदम है. दुखद स्थिति यह है कि इस मामले में अब तक रिजल्ट संतोषजनक नहीं है. ये बातें डीवीसी के निदेशक सपन कुमार चटर्जी ने […]
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