धनबाद. केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोरचा की शनिवार को राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ कार्यालय में हुई बैठक में 31 अक्टूबर को कोयला भवन के समक्ष धरना देने का निर्णय लिया गया. अध्यक्षता एटक नेता केके कर्ण ने की. संयुक्त मोरचा ने बीसीसीएलकर्मियों की मांगों को लेकर 25 अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया था. इस सवाल को लेकर आरएलसी के यहां मामला चल रहा है. इसके बाद संयुक्त मोरचा ने ठेका कर्मियों को बोनस भुगतान की मांग को लेकर पांच नवंबर को हड़ताल करने की घोषणा की. आज की बैठक में प्रबंधन के रवैये की आलोचना करते हुए नेताओं ने कहा कि यदि प्रबंधन ने अपने रूख मे बदलाव नहीं किया तो पांच नवंबर को ऐतिहासिक हड़ताल होगी. कोयला भवन के समक्ष प्रस्तावित धरना के बाद दो नवंबर को बरोरा एवं ब्लॉक एरिया में धरना दिया जाएगा. बैठक में एके झा, ब्रजेंद्र सिंह, एसके बक्शी, बैजनाथ केवट, अर्जुन सिंह, एसएस दे, योगेंद्र प्रताप सिंह, प्रदीप सिन्हा, रंजय कुमार, सुरेंद्र यादव आदि उपस्थित थे.मोरचा से बीएमएस अलग!क्या बीएमएस संयुक्त मोरचा से अलग हो गया है? यह चर्चा जोरों पर है. आज संयुक्त मोरचा की तीसरी बैठक है जिसमें बीएमएस का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं था. आरसीएमएस के महामंत्री एके झा ने कहा कि बीएमएस नेताओं से बात हुई है. वे हमारे साथ हैं. वहीं बीएमएस से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि तीन नवंबर को कार्यसमिति की बैठक है. उसी बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
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संयुक्त मोरचा ने किया 31 को धरना का फैसला
धनबाद. केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोरचा की शनिवार को राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ कार्यालय में हुई बैठक में 31 अक्टूबर को कोयला भवन के समक्ष धरना देने का निर्णय लिया गया. अध्यक्षता एटक नेता केके कर्ण ने की. संयुक्त मोरचा ने बीसीसीएलकर्मियों की मांगों को लेकर 25 अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया था. […]
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