धनबाद: शिशिर कुमार चक्रवर्ती की मरणोपरांत देहदान की इच्छा पूरी नहीं हो सकी, जबकि उन्होंने बकायदा इसकी घोषणा कर रखी थी. पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने कानूनी प्रक्रिया का हवाला देकर शरीर लेने से इनकार कर दिया. अंतत: परिजनों ने मटकुरिया श्मशान घाट पर उनकी अंत्येष्टि कर दी. मुखाग्नि पुत्र सुशांत चक्रवर्ती ने दी.
पीएमसीएच ने लौटाया : बरमसिया निवासी बीसीसीएल के रिटायर इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर शिशिर कुमार चक्रवर्ती का 75 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया. पुत्र सुशांत के अनुसार पिताजी धनसार कोलियरी से वर्ष 2001 में रिटायर हुए थे. 17 मार्च 2011 को उन्होंने अपनी देह दान करने की घोषणा की. इसके लिए डीसी व सिविल सजर्न को आवेदन लिखा था. इसके बाद उसकी रिसिविंग कॉपी लेकर शिशिर अपने घर चले आये थे. इसी रिसिविंग कॉपी को लेकर परिजन सुबह साढ़े दस बजे पीएमसीएच गये. वहां पदाधिकारियों से बॉडी लेने का आग्रह किया. लेकिन पीएमसीएच प्रबंधन ने बॉडी लेने से इनकार कर दिया. प्रबंधन का कहना था कि इसकी सूचना स्थानीय थाना को दें, वहां से हमारे पास पत्र या सूचना भेजी जायेगी. तब ही हम बॉडी को ले सकते हैं. इतनी सरकारी प्रक्रिया को देखते हुए परिजन वहां से सीधे घर चले आये. स्व. चक्रवर्ती बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के नेता थे.
फूलो रानी ने की थी देह दान : इससे पहले वर्ष 2013 में बरमसिया की ही रहने वाली फूलो रानी ने मरणोपरांत देह दान की थी. परिजनों ने बॉडी को पीएमसीएच के हवाले कर दिया था.