धनबाद : गैंग्स ऑफ वासेपुर के डॉन कहे जाने वाले फहीम खान को कौन नहीं जानता. वॉलीवुड वासेपुर के खूनी संघर्ष पर सिनेमा भी बना चुका है. एक दौर था, जब रेलवे की ठेकेदारी, जमीन और लोहे का कारोबार बिना फहीम खान की मर्जी से नहीं हो सकता था. जमीन कारोबारियों पर आज भी उसी […]
धनबाद : गैंग्स ऑफ वासेपुर के डॉन कहे जाने वाले फहीम खान को कौन नहीं जानता. वॉलीवुड वासेपुर के खूनी संघर्ष पर सिनेमा भी बना चुका है. एक दौर था, जब रेलवे की ठेकेदारी, जमीन और लोहे का कारोबार बिना फहीम खान की मर्जी से नहीं हो सकता था. जमीन कारोबारियों पर आज भी उसी का सिक्का चलता है.
जिस दौर में फहीम की तूती बोलती थी, उसी दौर में वासेपुर के साबिर आलम ने दिन-दहाड़े फहीम की मां और मौसी की हत्या कर दी थी. हालांकि हत्या के बाद वह अपने गैंग के साथ फरार हो चुका था. बाद में उसने कोर्ट में सरेंडर किया. 2013 में वह जमानत पर बाहर आया था. उसके बाद से ही वह फरार चल रहा है. मामले में धनबाद पुलिस साबिर आलम को भगोड़ा घोषित कर चुकी है.
दिन-दहाड़े हत्या से सहम गया था वासेपुर : 18 अक्तूबर 2001 दोपहर करीब सवा दो बजे फहीम की मां नजमा खातून एवं मौसी शहनाज खातून पुराना बाजार से सब्जी लेकर पैदल अपने घर जा रही थी.
डायमंड क्रॉसिंग के समीप पहुंचते ही साबिर आलम, बाबू, शाहिद आलम, असगर अगरबत्ती वाला, पप्पू अगरबत्ती वाला, लाडले, मिनहाज ने दोनों महिलाओं को घेर लिया और गोली मार कर दोनों की हत्या कर दी. इस हत्या के बाद पूरा वासेपुर सहम गया था. डर से वासेपुर की दुकानें बंद हो गयी थीं.
सब जानते थे कि डॉन शांत नहीं रहने वाला. मामले में फहीम के भाई शेर खान की शिकायत पर साबिर आलम, उनके भाई शाहिद आलम, बाबू, जाहिद आलम, भांजा लाडले, मिनहाज एवं असगर अगरबत्ती वाला, पप्पू अगरबत्ती वाला और अशफाक के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी बैंक मोड़ थाने में दर्ज हुई थी.
छह आरोपी आज भी हैं फरार
इस मामले के नामजद आरोपी बाबू, असगर अगरबत्ती वाला, पप्पू अगरबत्ती वाला, लाडले, मिनहाज एवं अशफाक अब भी फरार हैं, जबकि आरोपी साबिर के भाई वाहिद की हत्या वर्ष 2009 में हो गयी थी.