धनबाद: जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के लोदना मोड़ से भागा निवासी पेटी ठेकेदार नीरज सिंह के अपहरण का मामला पुलिस ने जांच के बाद फॉल्स करार कर दिया है. पुलिस का कहना है कि अभी तक के अनुसंधान में अपहरण के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है. घटनास्थल पर गवाह भी अपहरण की पुष्टि करने के बजाय मुकर गया है. मामले के अनुसंधानकर्ता थाना प्रभारी राकेश कुमार हैं.
क्या था नीरज का बयान : 19 जुलाई को लोदना मोड़ से मारुति वैन (जेएच-10डब्ल्यू-9853) में बैठाकर अपहरण कर ले जाया जा रहा था. शास्त्री नगर स्थित कामधेनु पेट्रोल पंप के पास से वह वैन से कूदकर भाग निकला. वैन श्रीकांत शर्मा चला रहा था. वैन में श्रीकांत का भाई पम्मी शर्मा के अलावा दीपक नामक युवक भी था. बैंक मोड़ थाने में नीरज ने पुलिस को बयान दिया था कि अगवा कर 50 हजार रुपये मांग की गयी. हालांकि लिखित शिकायत में फिरौती के लिए अपहरण की बात नहीं कही गयी है.
पुलिस जांच में क्या : पुलिस छानबीन में खुलासा हुआ कि वैन अभिलाष नामक छात्र चला रहा था जो कोलकाता में पढ़ता है. दीपक भी झरिया आरएसपी कॉलेज का छात्र है. नीरज ने वैन से श्रीकांत द्वारा अपने भाई प्रशांत से बात कराये जाने की बात कही है, जिसकी पुष्टि हुई है. अभिलाष के मोबाइल से नीरज को बात करायी गयी थी उसके बड़े भाई प्रशांत शर्मा से. श्रीकांत के मोबाइल में बैलेंस नहीं था, दीपक का मोबाइल डिस्चार्ज हो गया था. लोदना मोड़ पर श्रीकांत ने नीरज से अपना बकाया 75 हजार मांगा तो बोला गाड़ी में बैठकर बात करते हैं. आगे चलने को बोला, गाड़ी में थोड़ी बकझक हुई थी. गुस्से में नीरज पेट्रोल पंप के पास अभिलाष वाला मोबाइल अपने साथ रख गाड़ी से कूद गया.
पुलिस छानबीन में श्रीकांत व उसके भाईयों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला. नीरज पहले काफी दिनों तक श्रीकांत के घर में ही रह चुका है. नीरज ने श्रीकांत शर्मा द्वारा गाड़ी चलाने की बात कही जबकि अभिलाष ने खुद पुलिस के समक्ष आकर स्वीकार किया कि गाड़ी वह चला रहा था. नीरज ने पुलिस को दिये बयान में कहा था कि गाड़ी से कूदते वक्त उसने श्रीकांत शर्मा का मोबाइल भी ले लिया. लेकिन पुलिस छानबीन में मोबाइल अभिलाष का निकला जो वैन मालिक का पुत्र है.