धनबाद : नगर निगम के धनबाद अंचल में डीजल घोटाला पकड़ा गया है. जुलाई से अक्तूबर 2018 तक सफाई मद में खर्च डीजल की जांच के दौरान पता चला कि ट्रैक्टर, टिपर व जेसीबी के लिए डीजल तो लिया गया लेकिन गाड़ी में नहीं डाला गया. चार माह में लगभग 9 लाख रुपये का घोटाला […]
धनबाद : नगर निगम के धनबाद अंचल में डीजल घोटाला पकड़ा गया है. जुलाई से अक्तूबर 2018 तक सफाई मद में खर्च डीजल की जांच के दौरान पता चला कि ट्रैक्टर, टिपर व जेसीबी के लिए डीजल तो लिया गया लेकिन गाड़ी में नहीं डाला गया. चार माह में लगभग 9 लाख रुपये का घोटाला हुआ है.
मामले में निगम के पांच ड्राइवरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जवाब संतोषजनक नहीं आने पर उनकी सेवा समाप्त की जायेगी. इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद झरिया, छाताटांड़ व कतरास अंचल में भी डीजल की खपत की जांच शुरू की गयी है.
क्या है मामला : सफाई मद में धनबाद अंचल में प्रतिमाह साढ़े नौ लाख रुपये का डीजल खर्च दिखाया जाता था. पिछले साल तक निगम के पदाधिकारी व ड्राइवर की सांठगांठ से यह खेल चलता रहा. इस बीच अनिश कुमार को धनबाद अंचल का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया. इनके नेतृत्व में डीजल में चल रही हेराफेरी की जांच शुरू की गयी. जांच के क्रम में पाया गया कि गाड़ी में डीजल डालने के लिए विभाग से रशीद तो ली जाती थी, लेकिन गाड़ी में डीजल नहीं डाला जाता था.
एक साथ सुबह व शाम दोनों शिफ्ट के लिए डीजल की रशीद ली जाती थी, लेकिन शाम में गाड़ी नहीं चलती थी. जांच में कुछ मामले एेसे भी सामने आये कि जेसीबी चली नहीं और उसके के लिए 75 लीटर डीजल की रशीद ले ली गयी. ट्रैक्टर व टिपर में भी यही खेल खेला गया. जब एक-एक गाड़ी की मॉनिटरिंग की गयी तो प्रतिमाह साढ़े नौ लाख का बजट घटकर पांच लाख पहुंच गया.