धनबाद : ‘पांच करोड़ डूबे तो डूबे बाघमारा कोयलांचल स्थित बीसीसीएल के एरिया एक से पांच तक की कोलियरियों से कोयला का उठाव नहीं करेंगे.’ यह तल्ख तेवर है लिंकेज व फॉरवर्ड ऑक्शन के तहत कोयला लेनेवाले व्यवसायियों का. गुरुवार को हुई इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की बैठक में दिसंबर माह में चैतूडीह व कनकनी […]
धनबाद : ‘पांच करोड़ डूबे तो डूबे बाघमारा कोयलांचल स्थित बीसीसीएल के एरिया एक से पांच तक की कोलियरियों से कोयला का उठाव नहीं करेंगे.’ यह तल्ख तेवर है लिंकेज व फॉरवर्ड ऑक्शन के तहत कोयला लेनेवाले व्यवसायियों का. गुरुवार को हुई इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की बैठक में दिसंबर माह में चैतूडीह व कनकनी कोलियरी में फॉरवर्ड ऑक्शन के तहत बुक कराये गये कोयला का उठाव नहीं करने का फैसला लिया गया.
साथ ही आठ मार्च (शुक्रवार) को होनेवाले फरवरी माह के लिंकेज कोटा के ऑफर में बाघमारा कोयलांचल स्थित बीसीसीएल के एरिया एक से पांच तक की कोलियरियों में डीओ नहीं लगाने का फैसला हुआ. यहां बता दें कि बाघमारा कोयलांचल में रंगदारी के खिलाफ पिछले चार महीने (नवंबर, 2018) से कोयला व्यवसायियों ने मोर्चा खोल रखा है.
व्यवस्था से निराश : बैठक के बाद प्रेस से बातचीत में एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने स्पष्ट कहा कि ‘व्यवस्था से हम व्यवसायी पूरी तरह निराश हो चुके हैं, लेकिन रंगदारी के खिलाफ हमारी मोर्चाबंदी बरकरार है. अर्नेस्ट मनी के रूप में जमा हम उद्यमियों के पांच करोड़ रुपये डूब ही क्यों नहीं जाये, चैतूडीह व कनकनी में एक लाख टन के फॉरवर्ड ऑक्शन के कोयला का उठाव नहीं करेंगे. उम्मीद थी कि रंगदारी पर अंकुश लगेगी. लेकिन न तो हाई पावर कमेटी ने आगे पहल की और न ही विधानसभा अध्यक्ष ने.’
श्री सिंह ने बताया कि ‘दिसंबर माह में बाघमारा कोयलांचल स्थित चैतूडीह व कनकनी कोलियरियों में व्यवसायियों ने फॉरवर्ड ऑक्शन के तहत एक लाख टन कोयला बुक किया था. इसके लिए पांच करोड़ की अर्नेस्ट मनी जमा की गयी थी. इसकी डिफरेंस मनी का ड्राफ्ट 31 मार्च तक जमा करना है, लेकिन जो स्थिति है, उसमें हम उद्यमी चैतूडीह व कनकनी से फॉरवर्ड ऑक्शन के कोयला का उठाव नहीं करेंगे.’