धनबाद : टुंडी के विधायक एवं आजसू पार्टी के वरिष्ठ नेता राज किशोर महतो ने झारखंड में जेनरल केटेगरी (सामन्य कोटि) की सीटों पर गैर झारखंडी लोगों को नौकरी देने का विरोध किया है.
श्री महतो ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि भारतीय संविधान की धारा 315 से 320 के अनुसार पूरे देश के हर प्रदेश का अपना डोमिसाइल है. इन धाराओं के आधार पर ही हर राज्य का अपना लोक सेवा आयोग तथा राज्य कर्मचारी चयन आयोग है.
राज्य की मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ नीरा यादव द्वारा बाहरी लोगों के नौकरी देने के बचाव वाले बयान की आलोचना करते हुए कहा कि बाहरी लोगों को नहीं रोक सकते तो जेपीएससी व जेएसएससी क्यों बनाया गया है. इन्हें भंग कर देना चाहिए. झारखंड में बिहार, बंगाल, यूपी के लोग बड़ी संख्या में नौकरी ले रहे हैं. इससे यहां रहने वाले जेनरल केटेगरी के लोगों को भारी परेशानी हो रही है.
10 फीसदी पद आरक्षित हो : आजसू नेता ने कहा कि नियुक्ति संबंधी नियमावली में परिवर्तन को लेकर विधायकों की एक समिति मंत्री सरयू राय की अध्यक्षता में बनायी थी. इस समिति में विधायक राधा कृष्ण किशोर, स्टीफन मरांडी, आलमगीर आलम, प्रदीप यादव और उन्हें रखा गया था.
समिति की पहली बैठक में ही विपक्षी दलों के सभी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. सदस्य के रूप में केवल उन्होंने (श्री महतो ने) लिखित अनुशंसा की थी. इसमें स्थानीय परीक्षा में झारखंड के इतिहास, भूगोल, कला-संस्कृति से संबंधित 40 फीसदी सवाल पूछने की अनुशंसा की गयी है. साथ ही सामान्य कोटि की सीटों में 10 फीसदी सीटें बाहरी राज्य के लोगों के लिए आरक्षित करने की सलाह दी गयी है. लेकिन रघुवर सरकार ने इस अनुशंसा पर कोई कार्रवाई नहीं की.