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धनबाद : जिले के 745 विद्यालयों पर लटका ताला

धनबाद : पारा शिक्षकों ने हड़ताल के दूसरे दिन अपनी ताकत का एहसास करवाया है. इस दिन हड़ताल का व्यापक असर पड़ा है. शनिवार को जिले के 90 फीसदी से अधिक पारा शिक्षक काम पर नहीं आये. जिले के 2869 पारा शिक्षकों में 2598 हड़ताल पर रहे. केवल 271 पारा शिक्षक काम पर आये. इस […]

धनबाद : पारा शिक्षकों ने हड़ताल के दूसरे दिन अपनी ताकत का एहसास करवाया है. इस दिन हड़ताल का व्यापक असर पड़ा है. शनिवार को जिले के 90 फीसदी से अधिक पारा शिक्षक काम पर नहीं आये. जिले के 2869 पारा शिक्षकों में 2598 हड़ताल पर रहे. केवल 271 पारा शिक्षक काम पर आये. इस वजह से सभी प्रखंडों के 745 प्राथमिक विद्यालय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय व मध्य विद्यालयों में ताला लटक गया. जिले के दो लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई से वंचित रहे. 80 हजार विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन नहीं मिला. वहीं हड़ताल के दौरान पारा शिक्षकों ने सभी प्रखंडों में मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर रांची में उनके साथियों पर हुए लाठी चार्ज व गिरफ्तारी का विरोध किया.

सभी शिक्षकों ने राज्य सरकार के प्रति आक्रोश दिखाते हुए, गिरफ्तार पारा शिक्षकों के समर्थन में नारे बी लगाये. झारखंड राज्य एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष अश्विनी कुमार सिंह एवं जिला सचिव मो शेख सिद्दकी ने जिले कई जन प्रतिनिधियों की इस मुद्दे पर चुप्पी पर सवाल उठाया. पारा शिक्षक नेताओं ने अपने गिरफ्तार साथियों की अविलंब रिहाई की मांग की है. आंदोलन में संगठन मंत्री योगेश दत्ता, अशोक चक्रवर्ती, रंजीत मंडल, चंदन मोदक, इकबाल अहमद, आलोक बनर्जी, प्रसन्न कुमार सिंह समेत दर्जनों पारा शिक्षक शामिल थे.

20 तक काम पर लौटें नहीं तो कार्रवाई

20 नवंबर तक काम पर लौटे पारा शिक्षक नहीं तो सरकार ने कार्रवाई की चेतावनी दी है. दूसरी ओर पारा शिक्षकों ने आपनी मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल पर रहने का ऐलान किया है. पारा शिक्षकों ने कहा है वह सरकार की धमकी से नहीं डरेंगे. जिला सचिव मोहम्मद सिद्दिकी शेख ने कहा कि अब पारा शिक्षकों की लड़ाई समायोजन व वेतनमान से बढ़ कर न्याय और सम्मान की लड़ाई हो गयी है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह आंदोलन नौ माह पूर्व वेतनमान की मांग को शुरू हुआ था, जिसको लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाइलेवल कमेटी बनी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.

जबकि पारा शिक्षक भीख नहीं अपना हक मांग रहे हैं. राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के साथ विश्वासघात किया है. सरकार द्वारा मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव केवल मजाक है. पारा शिक्षकों के मानदेय में मात्र 284 रुपये मासिक की बढ़ोतरी की गयी है. यह कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है.

संबंधियों के साथ करेंगे प्रदर्शन : सभी पारा शिक्षक 18 और 19 नवंबर को जिले के सभी प्रखंडों में अपने सगे-संबंधियों के साथ प्रदर्शन करेंगे.

प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी दिया समर्थन : पारा शिक्षकों के अांदोलन को प्राथमिक शिक्षक संघ ने समर्थन दिया है. संघ के नेता आदित्य मिर्धा ने बयान जारी कर आंदोलन का समर्थन किया है.

डीइओ ने की अपील : आंदोलनकारी पारा शिक्षकों से डीइओ डॉ माधुरी कुमारी व डीएसइ विनीत कुमार ने काम पर लौटने की अपील की है. उनसे प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में सोमवार से काम पर लौट आने का आग्रह किया है.

गांवों में सांसद-विधायकों का जाना मुश्किल : भाजपा नेता फणिभूषण मंडल ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज करना घोर अन्याय है. गांवों में भाजपा के खिलाफ गलत संदेश जा रहा है. पारा शिक्षकों के आक्रोश के कारण सांसद एवं विधायकों को गांव में जाना मुश्किल हो गया है. सभी जगह सांसद एवं विधायकों को पारा शिक्षक काला झंडा दिखा कर विरोध कर रहे हैं.

भाजपा के बड़े नेता मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और पारा शिक्षकों के समस्या का समाधान कराएं नहीं तो आनेवाले चुनाव में भाजपा का नुकसान होना तय है. वहीं सरायढेला थाना के जमादार ममता कुमारी के मामले में उन्होंने कहा कि ममता कुमारी को न्याय मिलना चाहिए. ईमानदारी की सजा ममता कुमारी को दी जा रही है. इसमें भी भाजपा की छवि खराब हो रही है.

पारा शिक्षकों के पक्ष में सड़क पर उतरेगा आजसू : आजसू नेता शुकदेव प्रमाणिक ने शनिवार को बरवाअड्डा में प्रेस वार्ता कर पारा शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री रघुवर दास जहां दूसरे राज्य के युवाओं को झारखंड में नौकरी दे रहे हैं, वहीं झारखंडी पारा शिक्षक को नौकरी से हटाने की धमकी दे रहे हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास अपना सोच बदलें, पारा शिक्षकों के साथ न्याय करें नहीं तो झारखंड जल उठेगा.

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