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लोको टैंक बना भैंसों का स्वीमिंग पूल, तालाब में गिरता है नाले का गंदा पानी, छठ में ही होती है तालाबों की सफाई
धनबाद : स्टेशन से महज दो किमी दूर रेलवे कॉलोनी वाचन वार्ड में है लोको टैंक. शहर के प्रमुख छठ तालाबों में एक है लोको टैंक. यहां वाचन वार्ड, डीएस कॉलोनी, भिश्तीपाड़ा, विनोद नगर, हॉस्पिटल कॉलोनी , बरमसिया आदि क्षेत्रों से सैकड़ों लोग छठ करने आते हैं. तालाब के तीन हिस्से में छठ घाट बन […]
धनबाद : स्टेशन से महज दो किमी दूर रेलवे कॉलोनी वाचन वार्ड में है लोको टैंक. शहर के प्रमुख छठ तालाबों में एक है लोको टैंक. यहां वाचन वार्ड, डीएस कॉलोनी, भिश्तीपाड़ा, विनोद नगर, हॉस्पिटल कॉलोनी , बरमसिया आदि क्षेत्रों से सैकड़ों लोग छठ करने आते हैं. तालाब के तीन हिस्से में छठ घाट बन गया है. लेकिन मेंटेनेंस नहीं होने के कारण घाट पर कचरा का अंबार है.
अपार्टमेंट व घरों का गंदा पानी सीधे तालाब में गिरता है. यही नहीं मल-मूत्र भी तालाब में आता है. आसपास के खटाल के दर्जनों भैंसों को यहां प्रतिदिन नहलाया जाता है. लोको टैंक की साफ-सफाई व मेंटेनेंस का काम रेलवे प्रशासन के स्तर से होता है. लेकिन छठ के समय ही तालाबों की साफ-सफाई होती है, वह भी मात्र खानापूर्ति.
घाट में खर्च हो चुके हैं 22 लाख : लोको टैंक छठ घाट बनाने में लगभग 22 लाख खर्च हो चुके हैं. आज भी घाट का काम पूरा नहीं हुआ है. लोको टैंक की बंदोबस्ती की जाती है. लाखों का राजस्व आता है, लेकिन तालाब के विकास में राशि खर्च नहीं की जाती है.
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