- एक नजर अस्पताल पर
- आवंटित राशि : 1.67 करोड़ रुपये
- अस्पताल व क्वार्टर निर्माण : 80 करोड़
- संसाधन पर खर्च : 87 करोड़
- कुल बेडों की संख्या : 200
- शुरू होने की तारीख : 27.08.2016
- काम समाप्ति की तिथि : 26.12.2017
- अस्पताल का प्राक्कलन : 56,13,09,838
- योजना का नाम : प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (फेज तीन)
- संवेदक : एचआर बिल्डर
- अब तक : 60 प्रतिशत काम ही पूरा
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धनबाद में लेट चल रहा है प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट, हाइकोर्ट ने नवंबर 18 तक कार्य पूरा करने का दिया है निर्देश
धनबाद : प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएसएसवाइ, फेज तीन) के तहत पीएमसीएच के पास सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल का काम काफी धीमी गति से हो रहा हैै. धनबाद में प्रधानमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट आठ माह पीछे चल रहा है. नवनिर्मित भवन को लेकर जमीन का विवाद सामने आने पर दो माह तक काम रुक गया […]
धनबाद : प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएसएसवाइ, फेज तीन) के तहत पीएमसीएच के पास सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल का काम काफी धीमी गति से हो रहा हैै. धनबाद में प्रधानमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट आठ माह पीछे चल रहा है. नवनिर्मित भवन को लेकर जमीन का विवाद सामने आने पर दो माह तक काम रुक गया था.
बाद में हाइकोर्ट ने काम को पूरा करने के लिए छह माह का एक्स्टेंशन दे दिया है. हाइकोर्ट ने नवंबर 2018 तक काम पूरा करने की डेड लाइन दी है. पहले तो संवेदक की ओर से 50 प्रतिशत काम काफी तेजी से किया गया, लेकिन काम धीमा हो गया है. इस पर अब केंद्र सरकार भी नाराज है. 27 एकड़ जमीन पर अस्पताल भवन का निर्माण किया जा रहा है. एक अरब, 67 करोड़ रुपये में संपूर्ण अस्पताल का निर्माण होना है.
200 बेड का होगा पांच मंजिला अस्पताल : अस्पताल पांच मंजिला बनाया जा रहा है. इसके लिए दो सौ बेड के वार्ड बनाये जा रहे हैं. अभी तक वार्ड के काम पूरे हो गये हैं. अब टाइल्स व मार्बल लगाने का काम शुरू होगा. अस्पताल पूर्ण रूप से वातानुकूलित होगा. फिलहाल अस्पताल में आठ सुपर स्पेशियलिटी रोगों के विभाग चलेंगे.
इसके बाद 42 असाध्य रोगों से जुड़े विभाग यहां चलाये जायेंगे. राज्य सरकार की पीएसएसवाइ के तहत मिलने वाली राशि का 85 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन कर रही है. वहीं राज्य सरकार को 15 प्रतिशत वहन करना है. एक अरब 67 करोड़ रुपये में 26 करोड़ राज्य सरकार दे रही है. तृतीय चरण के तहत धनबाद को 1.50 करोड़ रुपये मिले थे, अब इसकी राशि बढ़ाकर 1.67 करोड़ रुपये हो गयी है.
तो गंभीर बीमारी के इलाज के लिए नहीं जाना होगा बाहर
अस्पताल खुलने के बाद यहां असाध्य रोग से जुड़े तमाम इलाज होंगे. ह्दय में लगने वाले स्टेंट हो या ओपेन हार्ट सर्जरी. न्यूरो सर्जरी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट आदि यहां भी हो पायेंगे. सुपर स्पेशियालिटी डॉक्टरों को भी परिसर में ही रहना है. इसके लिए क्वार्टर बगल में ही बनने हैं. जिससे मरीजों को 24 घंटे सेवा मिलेगी.
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