आठ लाख की आबादी गर्मी में तड़पती रही 14 घंटे, सोते रहे नेता और अफसर
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आठ लाख की आबादी गर्मी में तड़पती रही 14 घंटे, सोते रहे नेता और अफसर यह कैसी व्यवस्था. एक घंटे का काम था शाम से सुबह कर दिया, घरों में जवाब दे गया इंवर्टर, लोगों का सब्र टूटा धनबाद : शुक्रवार की शाम साढ़े पांच बजे आंधी-पानी के बाद डीवीसी को मामूली गड़बड़ी ठीक करने […]
यह कैसी व्यवस्था. एक घंटे का काम था शाम से सुबह कर दिया, घरों में जवाब दे गया इंवर्टर, लोगों का सब्र टूटा
धनबाद : शुक्रवार की शाम साढ़े पांच बजे आंधी-पानी के बाद डीवीसी को मामूली गड़बड़ी ठीक करने में 14 घंटे से अधिक का वक्त लगा. सुबह सात बजे के बाद बिजली सेवा बहाल होनी शुरू हुई. लेकिन इसे पूरी तरह ठीक होने में दोपहर हो गयी. इस बीच लोग ऊमस भरी गर्मी में तड़पते रहे. जबकि अधिकारी-नेता सोते रहे. नींद टूटी तब जब अहले सुबह नया बाजार ओवरब्रिज को जाम कर दिया गया. इसके बाद डीवीसी हरकत में आया.
तेज हवा चलने के साथ बिजली का जाना अाम बात है. लेकिन चार-छह घंटे में लौट आती रही है. लेकिन इस बार कुछ ज्यादा हो गया. ऊपर से शुक्रवार को चांद रात और शनिवार को ईद थी. पहले ही प्रशासन ने निर्बाध बिजली-पानी के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये थे. इसके बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई.
तार सटने से हुआ था ब्रेक डाउन : गोधर के पास तार के आपस में सटने के कारण डीवीसी (पुटकी) में ब्रेक डाउन हो गया. रात में 11 बजे के आसपास डीवीसी को इसका पता चला. जानकार बताते हैं कि इसे ठीक करने के लिए एकाध घंटे का वक्त काफी है. लेकिन 14 घंटे लगा दिये गये. बताया जाता है कि कोलियरी इलाके में फॉल्ट होने पर डीवीसी जल्दी मरम्मत नहीं कराता है. डीवीसी माइनिंग एरिया होने की बात कह कर पीछे हट जाता है. यही कारण है कि इस ऊमस भरी गर्मी में लोगों को रात भर तड़पना पड़ा.
आधा शहर रहा परेशान : डीवीसी में ब्रेक डाउन के कारण गोधर फीडर टू से जुड़े बैंक मोड़, पुराना बाजार, मनईटांड़, टेलीफोन एक्सचेंज रोड, बरमसिया, माड़ी गोदाम, मटकुरिया, जोड़ाफाटक, झरिया रोड, वासेपुर, नया बाजार, आजाद नगर सहित अन्य इलाकों में अंधेरा पसर गया. वहीं फीडर वन से जुड़े बाबूडीह, बिशनपुर में बिजली गुल हो गयी. इन इलाकों की लगभग आठ लाख की आबादी बिजली के लिए रातभर तड़पती रही. सुबह में कहीं 14 तो कहीं 19 घंटे के बाद बिजली आपूर्ति बहाल हुई.
इंवर्टर चले भी तो कब तक : कई घरों में लोगों ने इंवर्टर का सहारा लिया. लेकिन इंवर्टर ने भी कुछ घंटों में साथ छोड़ दिया. इसके बाद भारी ऊमस ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया. किसी तरह से लोग हाथ पंखा सहित अन्य चीजों से राहत की कोशिश में लगे रहे. लोग रात भर बिजली आने का इंतजार में रतजगा करते रहे. सबसे परेशानी छोटे-छोटे बच्चों के परिवार वालों को हुई.
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