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मर्चेंट नेवी का कोर्स करके दलाल के चक्कर में फंसा कुणाल, डेढ़ साल बाद ईरान की जेल से हुआ रिहा
सिजुआ : बेहतर भविष्य की तमन्ना लेकर सात समुद्र पार गया टिस्को कर्मी टाटा सिजुआ एक नंबर निवासी दीनानाथ गौड़ का पुत्र कुणाल ईरान की जेल से डेढ़ साल बाद रिहा कर दिया गया. मंगलवार को वह अपने घर सिजुआ पहुंचा. इराक से पुत्र की सकुशल वापसी से घर में शुभचिंतकों की भीड़ लग गयी. […]
सिजुआ : बेहतर भविष्य की तमन्ना लेकर सात समुद्र पार गया टिस्को कर्मी टाटा सिजुआ एक नंबर निवासी दीनानाथ गौड़ का पुत्र कुणाल ईरान की जेल से डेढ़ साल बाद रिहा कर दिया गया. मंगलवार को वह अपने घर सिजुआ पहुंचा. इराक से पुत्र की सकुशल वापसी से घर में शुभचिंतकों की भीड़ लग गयी. कुणाल की मां तारा देवी व पिता दीनानाथ खुशी से रो पड़े.
कुणाल ने बताया की ईरान की जेल में उसे बहुत यातना सहनी पड़ी. घरवालों से कभी बात नहीं करायी गयी. एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया जाता था. 14 मई 2018 को उस कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. 20 मई को उसे जेल से रिहा कर दिया गया.
जेल से रिहा कुणाल के पास पैसे नहीं थे. ऐसे में एक टैक्सीवाले ने मदद की. टैक्सी वाला कुणाल को तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ले गया. दूतावास के अधिकारियों ने टैक्सीवाले का ना सिर्फ किराया दिया, बल्कि भारत में उसके माता-पिता से बात भी करायी और भारत लौटने का प्रंबध कराया.
कुणाल ने बताया की नेवी मर्चेंट का कोर्स पूरी करने के बाद एक दलाल ने उन्हें नौकरी के लिए विदेश भेजा था. ईरान की शिप में मैकेनिक का काम मिला था. उस शिप से पुलिस ने 685 किलो ग्राम तस्करी का ड्रग्स बरामद किया और अन्य लोगों के साथ उसे भी जेल में डाल दिया गया.
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