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झोलाछाप पर प्रशासन का शिकंजा

धनबाद : धनबाद में झोलाछाप पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई शुरू हो गयी है. मंगलवार को बाघमारा, सदर व गोविंदपुर के चिकित्सा प्रभारियों ने अपने-अपने इलाके के झोलाछाप पर केस दर्ज किया. इनके नर्सिंग होम को सील किया गया. वहीं झरिया के दो नर्सिंग होम को नोटिस देकर बंद करने को […]

धनबाद : धनबाद में झोलाछाप पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई शुरू हो गयी है. मंगलवार को बाघमारा, सदर व गोविंदपुर के चिकित्सा प्रभारियों ने अपने-अपने इलाके के झोलाछाप पर केस दर्ज किया. इनके नर्सिंग होम को सील किया गया. वहीं झरिया के दो नर्सिंग होम को नोटिस देकर बंद करने को कहा गया. कुल मिलाकर पांच लोगों पर केस दर्ज किया गया है. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग ने 16 झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की थी. इनके डिग्री फर्जी पाये गये थे.
सभी झोलाछाप की मांगी लिस्ट : जिले के सभी प्रखंडों में बिना किसी वैध डिग्री के लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले तमाम झोलाछाप की लिस्ट जिला प्रशासन ने मांगी है. जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई इन झोलाछाप पर करेगी. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो 400 झोलाछाप इन दिनों ग्रामीण से लेकर शहरी व कोलियरी इलाकों में हैं. हालांकि 160 से अधिक ऐसे झोलाछाप हैं, जो नर्सिंग होम, पॉली क्लिनिक चला रहे हैं. ऐसे लोगों को नोटिस देकर वैध कागजात व डिग्री की मांग की जा सकती है.
जोड़ापोखर में नर्सिंग होमों का निरीक्षण : जोड़ापोखर. सिविल सर्जन के आदेश पर चासनाला सीएचसी के प्रभारी डॉ सुनील कुमार की टीम ने मंगलवार को जोड़ापोखर क्षेत्र में चल रहे नर्सिंग होमों का औचक निरीक्षण किया. टीम ने लक्ष्मी नारायण सेवा सदन फुसबंगला व शालीमार स्थित मुस्कान सेवा सदन में जाकर अवलोकन किया. लेकिन लक्ष्मी नारायण सेवा सदन में डॉक्टर, स्टाफ व मरीज नदारत थे. वहीं मुस्कान में मरीजों, नर्सों व चिकित्सकों से पूछताछ की.
नर्सिंग होम का ओटी, बेड व शौचालय की व्यवस्था को देखा. डॉ श्री कुमार ने बताया कि झोलाछाप डाक्टरों द्वारा धड़ल्ले से गरीब बीमारों व मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसी संदर्भ में जांच पड़ताल की जा रही है. लक्ष्मी नारायण सेवा सदन में डॉक्टर, स्टॉप व मरीज नदारद थे, जबकि मुस्कान सेवा सदन में संचालित डॉ उपलब्ध थे.
जिस अल्टरनेट मेडिसिन की डिग्री दिखा रहे, यूजीसी ने बताया है फेक
धनबाद. जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की जद में आये कई झोलाछाप की डिग्री फर्जी है. अधिकांश झोलाछाप ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेट मेडिसिन (कोलकाता) और इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेट मेडिसिन एंड रिसर्च, डायमंड हार्बर, ठाकुरपुकुर (कोलकाता) की डिग्री दिखायी है. जिस संस्थान की डिग्री व डिप्लोमा चिकित्सक दिखा रहे हैं, उसे यूजीसी ने फेक (जाली) करार दिया है. इन संस्थानों के नाम पर पते भी यूजीसी ने अपने वेबसाइट पर डाल रखी है. साथ ही यूजीसी से लोगों को ऐसे संस्थानों से बचने की भी सलाह दी है. जबकि इसी डिग्री के बल पर यह झोलाछाप सर्जरी से लेकर कई ऑपरेशन तक बेखौफ कर रहे हैं.
झोलाछाप के नर्सिंग होम में चिकित्सकों के जाने की पुष्टि : झोलाछाप के नर्सिंग होम में जिले के कुछ चिकित्सकों के जाने की भी पुष्टि हो रही है. स्वास्थ्य विभाग को जो सूचनाएं मिल रही है, अगर यह सही साबित होती है, तो इससे झोलाछाप व कुछ चिकित्सकों के सांठगांठ की कलई खुलेगी. पिछले दिनों गोविंदपुर के झोलाछाप के क्लिनिक में पीएमसीएच के दो चिकित्सकों को ऑपरेशन करते टीम ने पकड़ा था.
गोविंदपुर में ओम साईं अस्पताल के संचालक पर प्राथमिकी
गोविंदपुर. सिविल सर्जन धनबाद डाॅ आशा एक्का के निर्देश पर गोविंदपुर के झोला छाप डाॅक्टर विकास रमण पर गोविंदपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शीला कुमारी ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. डॉ रमण गोविंदपुर में ओम साईं हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर के संचालक हैं. उन पर गलत मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर एलोपैथिक तरीके से अस्पताल संचालन करने एवं शल्य क्रिया (सर्जरी) करने का आरोप साबित हुआ है.
सिविल सर्जन कार्यालय के निर्देश पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी एवं आइएमए के अध्यक्ष/सचिव की दो सदस्यीय टीम ने 19.03.2016 को ओम सांई अस्पताल की जांच की थी. इसमें विकास रमण पर लगाये आरोप सही मिले थे. इसके बाद असैनिक शल्य चिकित्सक मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पत्र के अालोक में झोला छाप डाक्टरों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया था.
प्राथमिकी के बाद अस्पताल संचालक एवं यहां इलाज करने वाले चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों में हड़कंप है. थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए मंगलवार देर रात उक्त अस्पताल में छापेमारी की गयी. इसमें अभियुक्त विकास रमण फरार मिले.
कतरास में सरस्वती सेवा सदन को स्वास्थ्य विभाग ने किया सील
कतरास. जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को अवैध रूप से नर्सिंग होम चलाने के आरोप में कतरास बाजार स्थित सरस्वती सेवा सदन में छापेमारी कर नर्सिंग होम को सील कर दिया. टीम का नेतृत्व बाघमारा प्रखंड स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डॉ मनीष कुमार कर रहे थे. यह कार्रवाई उपायुक्त के निर्देश पर की गयी. इस नर्सिंग होम को 12 अप्रैल को ही नोटिस दिया गया था. इसके बाद जिला स्वास्थ विभाग की टीम ने जांच कर मंगलवार को यहां छापेमारी की.
यह है मामला
सरस्वती सेवा सदन का संचालन हीरापुर निवासी नंदकिशोर केवट करता है. ढाई वर्ष पूर्व डॉ जयंती वर्मा ने इस नर्सिंग होम को उसे बेच दिया था. इसके बाद अवैध तरीके से इस नर्सिंग होम के संचालन की शिकायत मिल रही थी. यहां स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ गायत्री सिंह, जेनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ ओपी नारायण, नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र कुमार, एमबीबीएस डीए डॉ उपेंद्र राम अपनी सेवा देते रहे हैं.
जिला प्रशासन के आदेश पर डॉ मनीष कुमार की टीम ने कतरास पुलिस के सअनि एसपी कुशवाहा के साथ यहां छापेमारी की. इस दौरान नर्सिंग होम में चार-पांच स्टॉफ के अलावा कोई मरीज नहीं मिला. जांच कर करीब आठ कमरों को सील कर दिया गया.
थाना में दी शिकायत
डॉ मनीष कुमार ने कतरास थाना में शिकायत देकर कहा है कि अवैध रूप से नर्सिंग होम का संचालन होने के कारण सरस्वती सेवा सदन को सील कर दिया गया. यहां कर्मचारियों का आवास रहने के कारण पूरे भवन को सील नहीं किया जा सका. नर्सिंग स्टॉफ सावित्री देवी, नंदू विश्वकर्मा की मौजूदगी में आठ कमरों को सील किया गया. वहीं नर्सिंग होम संचालक नंद किशोर केवट नहीं मिले. पुलिस कांड अंकित करने में जुट गयी है.

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