धनबाद : फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया प्राइवेट आइटीआइ एसोसिएशन के एक और प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है. इसके तहत आइटीआइ में अब सेमेस्टर सिस्टम बहाल रहते हुए भी परीक्षाएं छह माह की बजाय सालाना होगी. इस आशय की स्वीकृति अभी हाल में ही प्रदान की गयी है. इसके तहत अब […]
धनबाद : फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया प्राइवेट आइटीआइ एसोसिएशन के एक और प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है. इसके तहत आइटीआइ में अब सेमेस्टर सिस्टम बहाल रहते हुए भी परीक्षाएं छह माह की बजाय सालाना होगी. इस आशय की स्वीकृति अभी हाल में ही प्रदान की गयी है. इसके तहत अब आगे आइटीआइ की होने वाली परीक्षा सेमेस्टर के तहत वार्षिक हुआ करेगी. यह जानकारी एसोसिएशन के सदस्य सह झारखंड प्रदेश के महासचिव कुमार देव रंजन ने दी है.
उन्होंने बताया कि 25 सितंबर 2017 को दिल्ली में हुई फेडरेशन की बैठक में काफी मंथन के बाद विभिन्न मांगों को सरकार विभाग के पास रखा गया. फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उपराष्ट्रपति सहित विभागीय राज्य मंत्री सहित डीजीटी के उपनिदेशक सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी को आशय से संबंधित ज्ञापन दिया. इसमें उक्त प्रस्ताव में अधिकांश को मान लिया गया है.
जिन प्रस्तावों को मिली स्वीकृति : एसोसिएशन के मांग पत्र देने के बाद कुछ ही दिन में प्रस्ताव की मांग निगेटिव मार्किंग पर रोक लगा दी गयी. आइटीआइ में ऑनलाइन परीक्षा की जिम्मेवारी स्टेट की होगी. सेमेस्टर के बाद भी अब आइटीआइ की परीक्षा छमाही के बजाय वार्षिक होगी.
यह प्रस्ताव विचाराधीन : डीजीटी का कोई भी नया नियम पहले से मान्यता प्राप्त आइटीआइ पर लागू नहीं होगी.
आइटीआइ स्टूडेंट्स को लाभ ही लाभ : कुमार देवरंजन
एसोसिएशन के महासचिव कुमार देव रंजन ने कहा कि परीक्षा वार्षिक होने स्टूडेंट्स को लाभ ही लाभ होगा. पहला लाभ यह होगा कि अब वार्षिक परीक्षा फॉर्म भरने से स्टूडेंट्स को आर्थिक रूप से बचत होगी. साथ ही संस्थानों को कोर्स पूरा कराने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. इतना ही नहीं अनुत्तीर्ण स्टूडेंट्स को भी कोर्स पूरा करने में भरपूर समय मिलेगा.