बलियापुर के बेलगड़िया के करण से मंदिर में कर ली शादी
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तय हो चुकी थी शादी, सामान खरीदने के नाम पर गया से भाग गयी
बलियापुर के बेलगड़िया के करण से मंदिर में कर ली शादी अंजलि के परिजन अज्ञात युवती को बेटी समझ करवा रहे इलाज धनबाद : गया (बिहार) के डोभी थाना क्षेत्र के धोंधवा गांव में जिस युवती को अंजिल समझ कर इलाज कराया जा रहा है, वह अंजलि नहीं है. अलबत्ता अंजलि के परिजन उसका इलाज […]
अंजलि के परिजन अज्ञात युवती को बेटी समझ करवा रहे इलाज
धनबाद : गया (बिहार) के डोभी थाना क्षेत्र के धोंधवा गांव में जिस युवती को अंजिल समझ कर इलाज कराया जा रहा है, वह अंजलि नहीं है. अलबत्ता अंजलि के परिजन उसका इलाज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. उक्त युवती को मदनपुर थाना क्षेत्र के रानीकुआं गांव के एनएच टू के पास घायल अवस्था में मिला था, उसकी हत्या का प्रयास किया गया था. अंजलि के परिजन को लगा कि घर से गायब अंजलि यही है. लेकिन सच्चाई यह है कि अंजलि (19) ने अपने दूर के रिश्तेदार बेलगड़िया टाउनशिप के करण कुमार (22) से शादी कर ली है. करण महेश पासवान का पुत्र है. शुक्रवार को दोनों ने प्रभात खबर को आपबीती बतायी.
परिजनों ने दूसरी घायल युवती को माना अंजलि : घटना के बाद 10 अप्रैल को गया के ही मदनपुर थाना क्षेत्र के रानीकुआं के पास एनएच टू पर एक युवती गंभीर अवस्था में घायल मिली थी. उसे अंजलि के परिजन अपनी बेटी मान अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. करण और अंजलि दोनों ने बताया कि घायल युवती को परिजन भी नहीं पहचानते हैं, लेकिन किस कारण उसे इतनी तरजीह दी जा रही है, पता नहीं. अंजलि ने यह भी बताया कि हंटरगंज के अपने जीजा का वह शादी की बात बता चुकी है, बावजूद उससे न परिजनों ने बात की और न उसने परिजनों से.
पिता नहीं हैं अंजलि के, हैं आठ भाई-बहन : अंजलि ने बताया कि उनके पिता का निधन हो चुका है. मां है. वह पांच भाई और तीन बहनें हैं. चार बड़े भाई और दो बड़ी बहनें हैं. सभी बड़े भाई-बहनों की शादी हो चुकी है. एक छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है.
नहीं जायेंगे घर : अंजलि ने कहा कि अब वह अपने घर नहीं जायेगी. उसे डर है कि उसके परिजन उसे और उसके पति के साथ कुछ गलत न कर दें.
इलाजरत लड़की कौन और कहां हैं उनके परिजन ?
रानीकुआं गांव के निकट एनएच टू के बगल में घायल हुई इलाजरत लड़की आखिर कौन है. उनके परिजन कहां के हैं, इन सारे सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है. आखिर कौन लोग हैं जिसने उस लड़की को हाथ-पैर बांध कर गला को आधा काट मरने के लिए छोड़ दिया था. अंजलि के परिजन क्यों उसे अपनी बेटी कह रहे हैं, एेसे कई सवाल उठना लाजिमी है.
तय हो गयी थी शादी, बाजार करने के नाम पर भागी
अंजलि ने बताया कि वह गया कॉलेज गया में बीए पार्ट वन में पढ़ती है. बोधगया में एक समारोह में करण से उसकी भेंट हुई थी, उसके बाद दोनों में प्रेम हो गया, लेकिन घर वालों को इसकी जानकारी नहीं थी. इधर, परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी. 20 अप्रैल को शादी होने वाली थी, लेकिन उसे लड़का पसंद नहीं था. नौ अप्रैल को शादी का सामान खरीदने बाजार गयी. करण भी वहां आया और दोनों पटना भाग गये. अगले दिन धनबाद पहुंचे और सरायढेला स्थित काली मंदिर में शादी कर ली. उस दिन से कभी धनबाद तो कभी हजारीबाग व पटना में दिन गुजार रहे हैं.
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