धनबाद: आइएसएम लोअर ग्राउंड में दो मजदूरों (रसोइये) की मौत के मामले की जांच श्रम विभाग की ओर से शुरू कर दी गयी है. सोमवार को केंद्र व राज्य सरकार के श्रम अधिकारियों ने आइएसएम प्रबंधन के साथ बैठक कर पूरी स्थिति का जायजा लिया. उधर आइएसएम प्रबंधन ने मारे गये मजदूरों को मुआवजा देने पर हामी भर दी है . राज्य सरकार के श्रम अधिकारी हरेंद्र सिंह, रमेश सिंह, केदार नाथ चौबे व सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय) पीके राय के कुलसचिव कर्नल( रिटायर) एमके सिंह के साथ बैठक कर घटना की पूरी जानकारी ली.
शिनाख्त का संकट : इस मामले में सबसे बड़ी मुश्किल मारे गये मजदूरों की शिनाख्त को लेकर है. इसके लिए श्रम विभाग के अधिकारी सीसीटीवी फुटेज की मदद ले सकते हैं. मालूम हो कि आइएसएम के दीक्षांत समारोह के बाद ट्रक से कुचल कर दो रसोइये की मौत लोअर ग्राउंड में हो गयी था. समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी मुख्य अतिथि थे. ग्राउंड में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया था.
एनके कपूर एंड कंपनी को मिला था ठेका : समारोह के लिए पंडाल व कैटरिंग का ठेका नयी दिल्ली की एनके कपूर एंड कंपनी को मिला था. ये दोनों मजदूर इसी ठेके तहत लाये गये थे. कंपनी ने करण सिंह नामक ठेकेदार को पेटी कांट्रेक्ट पर काम दिया था.
ट्रक की चपेट में आने से मौत : दीक्षांत समारोह खत्म होने के बाद दोनों मजदूर लोअर ग्राउंड में सो रहे थे. सुबह चार से पांच बजे सामान ढोने वाले ट्रक ने बैक करने के दौरान इन्हें अपनी चपेट में ले लिया. दोनों मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी.
प्रबंधन ने अफसोस जताया : आइएसएम के कुलसचिव कर्नल( रिटायर) एमके सिंह ने हादसे पर गहरा दु:ख प्रकट किया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि- मजदूरों की मौत के बाद आइएसएम प्रबंधन पीड़ित परिवारों के साथ है. प्रबंधन की ओर से मृतकों के आश्रितों को श्रम विभाग के प्रावधान के अनुसार मुआवजे की राशि दी जायेगी.
साढ़े तीन लाख तक हो सकती है रकम
मुआवजे का राशि साढ़े तीन लाख तक हो सकती है. शिनाख्त के बाद आश्रितों को चिन्हित करने की कार्रवाई होगी. इसके बाद मुआवजे दिया जायेगा. श्रम विभाग की ओर से कांट्रेक्टर से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है ताकि मारे गये मजदूरों की शिनाख्त हो सके.