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इस गर्मी में जनता को दोनों वक्त चाहिए पानी

धनबाद : दो दिन बाद बुधवार की शाम दो को छोड़ शहर के 17 जलमीनारों से सप्लाइ हुई. परेशान लोगों ने राहत की सांस ली. कई इलाकों में बिजली दिन भर गायब रही. गुरुवार को भी बदस्तूर गायब रहेगी. बावजूद कि शहर का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पर चला गया है. अधिकारियों का कहना […]

धनबाद : दो दिन बाद बुधवार की शाम दो को छोड़ शहर के 17 जलमीनारों से सप्लाइ हुई. परेशान लोगों ने राहत की सांस ली. कई इलाकों में बिजली दिन भर गायब रही. गुरुवार को भी बदस्तूर गायब रहेगी. बावजूद कि शहर का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पर चला गया है. अधिकारियों का कहना है कि दोनों वक्त जलापूर्ति और निर्बाध बिजली के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं. पानी दो वक्त तभी मिलेगा जब निर्बाध बिजली मिलेगी. और ऊर्जा निगम का कहना है कि आधुनिकीकरण और विद्युतीकरण के लिए लाइन तो काटनी ही पड़ेगी. ऐसे ही काम लेटलतीफ चल रहा है. यानी फिलहाल स्थिति में सुधार के आसार नहीं.

गांधी नगर और बरमसिया अब भी प्यासे : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने बताया कि बुधवार को दिन में 1:45 बजे बिजली कटने के बाद 2:50 बजे और शाम को 6:30 बजे बिजली कटी तो 8:30 बजे रात में आयी. इस वजह से गंधी नगर और बरसमिया में जलापूर्ति नहीं हो पायी.
धोबाटांड़ में फटी पाइप लाइन से ही जलापूर्ति : धोबाटांड़ में तीन दिन के बाद बुधवार को पानी मिला. सुबह दस बजे फटी हुई पाइप से ही जलापूर्ति कर दी गयी. इससे लोगों को पानी तो मिला, लेकिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी भी हुई. हालांकि देर शाम तक लिकेज बना लिया गया था.
धैया के लोगों को मिला पानी : तीन दिनों के बाद बुधवार की शाम धैया और मेमको के लोगों को भी पानी नसीब हुआ. उस इलाके में पाइप फट जाने के बाद वहां पानी के लिए हाहाकर मचा हुआ था.
अभी पानी की कोई कमी नहीं है. बिजली नहीं रहने के कारण पानी ठीक से नहीं मिल पा रहा है. सड़क चौड़ीकरण के काम में भी कुछ इलाकों की पाइप फट गयी थी. जिसकी वजह से पानी नहीं मिल रहा था. अभी स्थिति सामान्य है. शहर के लोगों को रोज पानी मिलेगा.
नवरंग सिंह, अधीक्षण अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
कहीं पंद्रह मिनट तो कहीं आधा घंटा जलापूर्ति
बुधवार को दो इलाकों को छोड़ शहर के सभी इलाकों में जलापूर्ति कर दी गयी. तीन दिन से इन इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ था. हालांकि विभाग बहुत से इलाकों में पंद्रह मिनट से लेकर आधा घंटा तक ही पानी की सप्लाई कर पाया है. इसमें सरायढेला, पीएमसीएच और गोल्फ ग्राउंड शामिल हैं.
35 से 40 एमएलडी सप्लाइ, जरूरत 80 एमएलडी की
शहर में 80 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) पानी की रोज जरूरत है. शुरुआती दौर में इतना ही पानी लोगों को मिलता था. मगर धीरे-धीरे यह घटकर 35 से 40 एमएलडी पर आकर रुक गया. अब इस पर भी आफत आ चुकी है. लोगों को यह पानी भी प्रतिदिन नहीं मिल रहा है.
नौकरशाह के रवैये का खामियाजा सरकार को भुगतना होगा
बीएन सिंह, अध्यक्ष इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स : सरकार औद्योगिक हब बनाने में लगी है. बेसिक जरूरतों से उनको लेना-देना नहीं है. गर्मी शुरू होते ही पानी व बिजली संकट गहराने लगा है. ऐसी स्थिति बनती जा रही है कि धनबाद में रहना मुश्किल हो गया है.
विनोद गुप्ता, अध्यक्ष, बरवाअड्डा मंडी चेंबर : बिजली व पानी सबसे बेसिक चीज होती है. पिछले दो दिनों से पानी-बिजली से शहर जूझ रहा है. लेकिन नौकरशाह अपना काम करने का रवैया नहीं बदल रहे हैं. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
विकास कंधवे, महासचिव खाद्यान्न व्यवसायी संघ : बिजली संकट के कारण ई-वे बिल जेनेरेट नहीं कर पा रहे हैं. बिजली को लेकर सरकार गंभीर है. लेकिन नौकरशाह के रवैये के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है. आनेवाले दिनों में नौकरशाह के रवैये का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.
विनोद अग्र‌वाल, सचिव पार्क मार्केट चेंबर : गर्मी शुरू होते ही बिजली विभाग के सारे वादे फेल हो गये. तीन दिनों से बिजली संकट से पार्क मार्केट के लोग जूझ रहे हैं. बिजली रहती तो कम से कम टंकी में पानी चढ़ा तो पाते. स्थिति काफी भयावह है.

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