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घोटाले पकड़े गये, फिर भी निगम में जारी चापाकल मरम्मत का खेल
हर साल एक करोड़ से अधिक रुपये होते हैं मरम्मत में खर्च सुधीर सिन्हा धनबाद : नगर निगम में चापाकल मरम्मत के नाम पर खेल चल रहा. गर्मी आते ही मेंटेनेंस के नाम पर लगभग एक करोड़ का टेंडर होता है. पार्षदों की देखरेख में चापाकल की मरम्मत होती है. चापाकल मरम्मत में ज्यादातर चापाकलों […]
हर साल एक करोड़ से अधिक रुपये होते हैं मरम्मत में खर्च
सुधीर सिन्हा
धनबाद : नगर निगम में चापाकल मरम्मत के नाम पर खेल चल रहा. गर्मी आते ही मेंटेनेंस के नाम पर लगभग एक करोड़ का टेंडर होता है. पार्षदों की देखरेख में चापाकल की मरम्मत होती है.
चापाकल मरम्मत में ज्यादातर चापाकलों की पाइप बदली जाती है. वाशर व चेन आदि की मरम्मत होती है. साल बीतने के बाद गर्मी आते ही फिर से नया टेंडर होता है. यह सिलसिला कोई नया नहीं, बल्कि निगम में वर्षों
से चल रहा है. ऑडिट रिपोर्ट में चापाकल मरम्मत के नाम पर करोड़ों
के घोटाले का मामला भी सामने आ चुका है. जांच भी हुई, लेकिन आज
तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई. चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2400 चापाकल की मरम्मत का टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है.
निगम की फाइल में है 4904 चापाकल : नगर निगम की फाइल में कुल 4904 चापाकल हैं. लेकिन धरातल पर 4550 चापाकल ही हैं. प्रत्येक साल करोड़ रुपये खर्च कर चापाकल की मरम्मत होती है. वर्ष 16-17 में एक करोड़
दस लाख की लागत से 2250 चापाकल की मरम्मत करायी गयी. वर्ष 2017-18 में एक करोड़ दो लाख की लागत से 1850 चापाकल की मरम्मत करायी गयी. अब 2400 चापाकल मरम्मत की प्रक्रिया चल रही है.
75 लाख में लगाये गये 182 नये चापाकल : पिछले साल (16-17) 75 लाख की लागत से 182 नये चापाकल लगाये गये. धनबाद में 50, छाताटांड़ में 50, सिंदरी-झरिया में पचास व कतरास में 32 चापाकल लगाये गये.
पार्षदों की सूची पर हो रहा काम
पिछले साल 1850 चापाकल का टेंडर निकला था. पार्षदों द्वारा दी गयी सूची के आधार पर लगभग चापाकल की मरम्मत का काम पूरा हो गया है. गर्मी शुरू होनेवाली है, जो चापाकल खराब है, उसकी मरम्मत करायी जायेगी.
समीर कुमार, कनीय अभियंता, पेयजल आपूर्ति
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