Advertisement
निगम में रियल एस्टेट कारोबारियों का नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन फी 75000 रु देने के बाद भी निगम का चक्कर लगा रहे बिल्डर कुछ न कुछ बहाना बता टाल रहे अधिकारी धनबाद : रियल एस्टेट कारोबार पर ग्रहण लग गया है. सीएनटी एक्ट, रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) और अब निगम में रजिस्ट्रेशन से बिल्डर परेशान हैं. रेरा के कारण लगभग 150 […]
रजिस्ट्रेशन फी 75000 रु देने के बाद भी निगम का चक्कर लगा रहे बिल्डर
कुछ न कुछ बहाना बता टाल रहे अधिकारी
धनबाद : रियल एस्टेट कारोबार पर ग्रहण लग गया है. सीएनटी एक्ट, रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) और अब निगम में रजिस्ट्रेशन से बिल्डर परेशान हैं. रेरा के कारण लगभग 150 प्रोजेक्ट का काम पहले से ठप पड़ा है. दूसरी ओर निगम में रजिस्ट्रेशन के पेच से नया प्रोजेक्ट नहीं आ रहा है. एक माह पहले नगर निगम में रजिस्ट्रेशन के लिए दो बिल्डरों ने ऑन लाइन आवेदन दिया. यहां तक की रजिस्ट्रेशन शुल्क 75 हजार पेमेंट भी कर चुके हैं. इसके बावजूद निगम के आला अधिकारी कुछ न कुछ बहाना बनाकर टाल रहे हैं. स्थिति यह है कि बिल्डर अपना काम समेट कर दूसरे सेक्टर की ओर रुख करने लगे हैं.
डिजिटल सिग्नेचर के कारण फंसा रहा मामला : डिजिटल सिग्नेचर को लेकर लंबे समय तक मामला फंसा रहा. बताते चलें कि रजिस्ट्रेशन व नक्शा में नगर आयुक्त का डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य है. तत्कालीन नगर आयुक्त मनोज कुमार के तबादले के बाद राजीव रंजन नगर आयुक्त बने. मनोज कुमार की जगह राजीव रंजन का डिजिटल सिग्नेचर फीड करना था. लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से लंबे समय तक डिजिटल सिग्नेचर का काम बाधित रहा. कुछ दिन पहले नगर आयुक्त राजीव रंजन का डिजिटल सिग्नेचर फीड किया गया. बावजूद बिल्डरों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है.
रमा सिन्हा ने कहा-रजिस्ट्रेशन के कारण फंसा है प्रोजेक्ट : निर्मलानंद कंस्ट्रक्शन के एमडी रमा सिन्हा ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के कारण प्रोजेक्ट फंसा हुआ है. नगर निगम में न तो बिल्डरों का रजिस्ट्रेशन हो रहा और न ही उनका नक्शा पास. निगम में रजिस्ट्रेशन के लिए एक माह पहले ऑन लाइन आवेदन दिये थे.
रजिस्ट्रेशन शुल्क 75 हजार रुपया भी पेमेंट कर चुके हैं. लेकिन अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. पहले डिजिटल सिग्नेचर की बात कह कर निगम के अधिकारी पल्ला झाड़ लेते थे. अब भी कुछ न कुछ बहाना बताकर परेशान कर रहे हैं. रजिस्ट्रेशन में यह स्थिति
है तो बिल्डरों के प्रोजेक्ट का नक्शा
पास करने में क्या-क्या परेशानी हो सकती है. यह सहज ही समझा जा सकता है. नगर निगम के नगर आयुक्त राजीव रंजन ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है. स्वच्छता सर्वेक्षण
में निगम की पूरी टीम लगी हुई है. बिल्डर के रजिस्ट्रेशन को लेकर कोई परेशानी हो रही है तो उसे शॉट आउट किया जायेगा.
2012 से जूझ रहा रियल एस्टेट
वर्ष 2012 से रियल एस्टेट का कारोबार प्रभावित है. 2012 में सीएनटी एक्ट लागू होने के बाद रियल एस्टेट का बाजार नहीं उठा. इसके बाद नोटबंदी,जीएसटी व रेरा से बाजार पूरी तरह ठप हो गया. बताते चलें कि धनबाद में 90 की दशक में अपार्टमेंट कल्चर की शुरुआत हुई.
पहला अपार्टमेंट झाड़ूडीह (बेकारबांध) में गणेशालय बना. इसके बाद शांति भवन, अशोका व सुमित्रा आदि अपार्टमेंट बने. 2004 के बाद कोयलांचल में अपार्टमेंट कल्चर परवान पर चढ़ा. 350 अपार्टमेंट व कई टाउनशिप व डुप्लेक्स का निर्माण हुआ. सीएनटी एक्ट के बाद बाजार में गिरावट शुरू हुई. बैंक ने लोन देने से हाथ खड़े कर दिये. सीएनटी के कारण आज भी 40 अपार्टमेंट अंडर कंस्ट्रक्शन है. रियल एस्टेट में आयी गिरावट का एक कारण वैश्वीकरण मंदी भी बना. नगर निगम की ऑन लाइन व्यवस्था ने तो रियल एस्टेट कारोबार को चौपट कर दिया.
2012 से जूझ रहा रियल एस्टेट
वर्ष 2012 से रियल एस्टेट का कारोबार प्रभावित है. 2012 में सीएनटी एक्ट लागू होने के बाद रियल एस्टेट का बाजार नहीं उठा. इसके बाद नोटबंदी,जीएसटी व रेरा से बाजार पूरी तरह ठप हो गया. बताते चलें कि धनबाद में 90 की दशक में अपार्टमेंट कल्चर की शुरुआत हुई. पहला अपार्टमेंट झाड़ूडीह (बेकारबांध) में गणेशालय बना. इसके बाद शांति भवन, अशोका व सुमित्रा आदि अपार्टमेंट बने. 2004 के बाद कोयलांचल में अपार्टमेंट कल्चर परवान पर चढ़ा. 350 अपार्टमेंट व कई टाउनशिप व डुप्लेक्स का निर्माण हुआ.
सीएनटी एक्ट के बाद बाजार में गिरावट शुरू हुई. बैंक ने लोन देने से हाथ खड़े कर दिये. सीएनटी के कारण आज भी 40 अपार्टमेंट अंडर कंस्ट्रक्शन है. रियल एस्टेट में आयी गिरावट का एक कारण वैश्वीकरण मंदी भी बना. नगर निगम की ऑन लाइन व्यवस्था ने तो रियल एस्टेट कारोबार को चौपट कर दिया.
1 अप्रैल 2016 को शहरी क्षेत्र का नक्शा पारित करने का अधिकार नगर निगम को मिला. 17 जनवरी 2017 को ऑन लाइन पहला नक्शा डाला गया. 14 माह में मात्र पचास नक्शा पारित हुए.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement