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इस साल गर्मी के दिनों में नहीं होगी पानी की किल्लत

धनबाद : इस साल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पानी की किल्लत नहीं होगी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की नयी सचिव आराधना पटनायक के निर्देश पर विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए योजना बनायी गयी है. विभाग के कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि […]

धनबाद : इस साल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पानी की किल्लत नहीं होगी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की नयी सचिव आराधना पटनायक के निर्देश पर विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए योजना बनायी गयी है. विभाग के कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले वर्ष 2017 की कमियों को ध्यान में रखते हुए अभी से ही कार्ययोजना बना ली गयी है. चापाकल की मरम्मत पर 32 लाख रुपये खर्च होंगे.

दो दिनों में खराब चापाकल मरम्मत होंगे : सचिव ने निर्देश दिया है कि चापाकल खराब होने पर दो दिनों में बनायें. बताया कि सभी चापाकलों की अद्यतन स्थिति की जानकारी संग्रह करने और मरम्मत के लिए मेट आदि कितने लगेंगे. इसका ब्योरा बना लिया गया है. बताया कि इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी-छोटी कई योजनाएं मार्च तक चालू हो जायेंगी.
शहरी जलापूर्ति योजना मार्च तक
कार्यपालक अभियंता श्री मिश्रा ने बताया कि शहरी क्षेत्र में भी नयी जेएनआरयूआरएम जलापूर्ति योजना मार्च से चालू हो जायेगी. शहरी क्षेत्र में अभी 19 जलमीनारों से पानी की आपूर्ति हो रही है. मार्च, 2018 से 36 और जलमीनारों से जलापूर्ति होने लगेगी. अभी मैथन से पानी आ रहा है. नये जलमीनारों से जामाडोबा से दामोदर का पानी आयेगा. इस पर कुल 298 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. दावा किया कि यह योजना फरवरी में ही तैयार हो जायेगी, लेकिन लोगों तक मार्च से पानी पहुंचने लगेगा. इस योजना के शुरू होने पर कुल दो लाख की आबादी को पानी मिलेगा. पहले से मैथन जलापूर्ति योजना से तीन लाख लोगों को पानी मिल रहा है.
मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में अब पकड़ेगी रफ्तार
इस साल के दूसरे सप्ताह से ही 600 करोड़ रुपये की मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना रफ्तार पकड़ेगी. इसे दो पार्ट में बांटा गया है. नॉर्थ योजना से मैथन से पानी लाकर चार प्रखंडों वितरित होगा. 17 जलमीनार बनेंगे और 77 हजार, 875 घरों को पानी दिया जायेगा. इस पर कुल 334 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 301 गांवों को पानी मिलेगा. कुल 1186 किलोमीटर पाइप लाइन बिछायी जायेगी. इसी तरह साउथ योजना के तहत पंचेत से पानी लाया जायेगा. इस योजना पर 187.44 करोड़ रुपये खर्च होंगे. कुल 138 गांवों में इस योजना से पानी मिलेगा. 708 किलो मीटर पाइपलाइन बिछायी जायेगी. इस योजना के तहत कुल 49 हजार, 488 घरों में कनेक्शन दिये जायेंगे. ये दोनों योजना जून, 2020 तक पूरी करने का लक्ष्य दिया गया है. इस योजना का टेंडर पहले ही हो चुका है.
सर्वे का काम तीन माह पहले शुरू हुआ है. इस योजना से निरसा, केलियासोल, एग्यारकुंड और गोविंदपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति होगी. इस योजना को सरजमीन पर उतारने के लिए निरसा के मासस विधायक अरूप चटर्जी सदन से सड़क तक संघर्ष करते रहे.

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